हीरोइन ऑफ हाईजैक : नीरजा भनोट

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अदम्य शौर्य की परिभाषा तुम,
बहादुरी की गाथा हो।
नीरजा तुम सारे जग में,
नारी जाति की आशा हो।

धीरज भरा कूट कूट कर,
साहस में लक्ष्मीबाई स्वरुपा हो।
मौत भी जिसको डरा सकी ना,
ऐसी शक्तिस्वरूपा हो।

हाईजैक जब हुआ विमान,
तू बिल्कुल ना घबराई।
सूझ बूझ से नीरजा तूने,
समझदारी दिखलाई।

यात्रियों को बंधक बना देख ,
मानवता तुझको याद अाई।
चालक दल को चौकन्ना कर,
तूने उनकी जान बचाई।

सैकड़ों यात्रियों से भरे विमान की,
अब तुम पर जिम्मेदारी थी।
अपना फ़र्ज़ निभाने की,
तुमने भी कर ली तैयारी। थी।

अमेरिकी नागरिकों की बचाने को,
क्या क्या तुमने जतन किए,
कुछ पासपोर्ट छिपा दिए ,
और कुछ कचरे में फेक दिए।

आतंकवादियों की गोलीबारी से,
विमान सारा गूंज उठा।
थम गईं धड़कने यात्रियों की,
और कलेजा कांप उठा।

यात्रियों की जान बचाने को ,
तूने सिर पे कफ़न था बांध लिया।
अपनी जान पर खेल कर तूने,
आपातकालीन दरवाजा खोल दिया।

स्वार्थ तनिक ना आया मन में,
निर्दोषों की ढाल बनी।
फिकर कहां थी तुझको अपनी,
यात्रियों की भगवान बनी।

एक एक करके यात्री सारे,
अपनी जान बचाने लगे,
देख कर ये दृश्य आतंकी,
गोलियां उनपर बरसाने लगे।

जीवन मरण सी स्थिति में नीरजा,
तुझपे ना जाने क्या गुजरी होगी।
देख कर ऐसा मंजर तुझको,
अपनों की याद तो अाई होगी।

अंत में मासूम बच्चों पर जैसे ही
दरिंदों ने गोलियां बरसानी चाही।
बन लक्ष्मी , दुर्गा नीरजा तूने,
अपने सीने पर गोलियां खाईं।

संकट की घड़ी में नीरजा तूने,
हिम्मत जरा ना हारी थी,
लोगों की जान बचाने की खातिर,
अपनी जान भी वारी थी।

अशोक चक्र, ‘तमगा ए इंसानियत ‘
जैसी वीरता की उपाधियां पाईं।
‘ जस्टिस फॉर क्राइम ‘ का सम्मान लेकर,
अमेरिकी सरकार भी आगे अाई।

नमन है नीरजा बेटी तुमको,
जग में सदा अमर तेरा नाम रहेगा।
तेरे अदम्य साहस शौर्य की गाथा,
जन जन को जग में सदा याद रहेगा।

सपना
औरैया

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