बड़े अज़ीब दिन हैं ये और बड़े अजीब हैं ये अहसास…

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हर दिन मानो एक नया इम्तहान लेकर सामने आता है और दिलोदिमाग पर उदासी की एक नई लकीर खींचकर चला जाता है…इस जद्दोजहद से बाहर निकलने की कोशिश भी कामयाब नहीं होती…भीतर का अंधेरा बाहर के अंधेरे के साथ सांठगांठ कर लेता है…
देखिये क्या आलम है…कहीं बिजली कहर बरपा रही है तो कहीं मूसलाधार बारिश से जिंदगी बेजार है…कहीं तूफान का खतरा मंडरा रहा है तो कहीं बाढ़ तबाही मचा रही है…इसी बीच धरती भी डोल रही है…टिड्डियों को आक्रमण के लिए भी यही समय मिला है और यह सब तब हो रहा है जब पूरी दुनिया पूरी तरह कोरोना संक्रमण की जद में है…
एक साथ एक ही समय में घटित हो रही ये तमाम घटनाएं कयामत से पहले कयामत का अहसास कराने पर आमादा हैं…
जिंदगी इतनी अस्तव्यस्त और दुनिया इतनी अव्यवस्थित पहले कभी नहीं लगी…यह केवल आपदाओं से जंग का समय नहीं है यह अपनेआप से भी जंग का समय है…
बहरहाल जिस दौर से हमसब गुजर रहे हैं उस दौर में उम्मीद की डोर को थामे रखना बेहद जरूरी है और इस बात का ख्याल रखना भी जरूरी है कि उस डोर की पकड़ ढीली न पड़े…
आइए हम सब अपनी सकारात्मक ऊर्जा को इकठ्ठा करें और सामूहिक रूप से प्रार्थना करें कि मानव जीवन पर छाया यह संकट जल्द टले… ईश्वर सब की रक्षा करें…प्रकृति हमें क्षमा करे… हमारे आत्मविश्वास को संबल मिले और जिंदगी फिर से अपनी राह पर लौटे…
स्वयंभू शलभ

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माह जुलाई

Wed Jul 15 , 2020
माह जुलाई मन को भाई। गर्मी भागी वर्षा आई।।1 कोयल काली करे गवाई। बादल काले मोर नचाई।।2 बागों ये हरियाली छाई। आमों का रस लगे सुहाई।।3 आया केला स्वाद मिठाई भागा तरबूज जामुन आई।।4 होरी धनिया करे जुताई। देख अषाढ़ी करो बुवाई।।5 ठंडी हवा चले पुरवाई। बिजली चमके वर्षा आई।।6 […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।