भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा के अवरोधों को दूर किया जाए : विहिप

0 0
Read Time2 Minute, 58 Second
        नई दिल्ली। जून 21, 2020। विश्व हिन्दू परिषद्(विहिप) केन्द्रीय महामंत्री श्री मिलिंद परांडे ने आज कहा है कि गत सैकड़ों वर्षों से अनवरत रूप से पुरी में निकाली जाने वाली भगवान श्रीजगन्नाथ की परम्परागत रथ यात्रा इस वर्ष भी निकाली जानी चाहिए. कोविड महामारी के संकट काल में भी सभी नियमों तथा जन स्वास्थ्य सम्बन्धी उपायों के साथ यात्रा निकाली जा सकती है। यात्रा की अखण्डता सुनिश्चित करने हेतु कोई मार्ग अवश्य ढूढना चाहिए। आज की परिस्थितियों में यह अपेक्षा कदापि नहीं है कि यात्रा में दस लाख भक्त एकत्रित हों। उन्होंने माननीय सर्वोच्च न्यायालय से अपने निर्णय पर पुनर्विचार करने की प्रार्थना भी की।



        विहिप महा मंत्री ने कहा कि कोरोना महामारी के संकट काल में भी, जन-स्वास्थ्य की रक्षा करते हुए, प्राचीन परम्परा की अखण्डता सुनिश्चित करने हेतु, उचित मार्ग निकालना, राज्य सरकार का दायित्व है। राज्य सरकार अपने इस दायित्व के पालन में पूरी तरह विफल रही है। वास्तव में ओड़िसा सरकार माननीय सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष इस सम्बन्ध में सभी पहलू ठीक से नहीं रख पाई।



        श्री परांडे ने यह भी कहा कि माननीय सर्वोच्च न्यायालय को इस सम्बन्ध में निर्णय लेने से पूर्व सभी सम्बन्धित पक्षों को सुनना चाहिए था. कम से कम पुरी के शंकराचार्य गोबर्धन पीठाधीश्वर पूज्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती जी महाराज के साथ मंदिर के ट्रस्टीयों तथा यात्रा प्रबंधन समिति को तो सुना ही जाना चाहिए था। भगवान के रथ को प्रतीकात्मक रूप से हाथियों, यांत्रिक सहायता या कोविड परीक्षित पूरी तरह से स्वस्थ व सक्षम सीमित सेवाइतों के माध्यम से भी खींचा जा सकता है। यात्रा की इस पुरातन महान परम्परा के टूटने पर मंदिर के धार्मिक विधि विधानों में व्यवधान उपस्थित होने की सम्भावना अनेक भक्तों ने व्यक्त की है।

जारीकर्ता
विनोद बंसल
राष्ट्रीय प्रवक्ता, विश्व हिंदू परिषद

matruadmin

Next Post

एम एम फाउंडेशन ने ऑनलाइन मनाया योग दिवस..

Sun Jun 21 , 2020
योग दिवस के उपलक्ष्य में एम एम फाउंडेशन द्वारा  ऑनलाइन योगा कार्यक्रम का आयोजन बड़े के साथ किया  गया।जिसमे देशभर से 50 से अधिक साथियो में योग करते हुए अपनी सक्रिय भूमिका निभाई।एम एम फाउंडेशन कि संस्थापिका पायल बेदी में बताया कि ।  इस दौरान  फेसबुक लाइव ले माध्यम से […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।