0
0
Read Time51 Second
पत्थर तोड़ कर सड़क बनाता है मजदूर
फिर उसी सड़क पर चलते हुए उसके पैरों पर पड़ जाते हैं छाले
वोट देकर सरकार बनाता है मजदूर
लेकिन वही सरकार छिन लेती है उनके निवाले
कारखानों में लोहा पिघलाता है मजदूर
फिर खुद लगता है गलने – पिघलने
रोटी के लिए घर द्वार छोड़ देता है मजदूर
लेकिन आड़े वक्त में वहीं लगता है पुकारने
#तारकेश कुमार ओझा
लेखक पश्चिम बंगाल के खड़गपुर में रहते हैं और वरिष्ठ पत्रकार हैं | तारकेश कुमार ओझा का निवास भगवानपुर(खड़गपुर,जिला पश्चिम मेदिनीपुर) में है |
Post Views:
486