लॉक डाउन में महिलाएं शराब की लाईन में खड़ी थी।
एक नहीं आठ आठ बोतलों के लिए वे लडी थी।।
पुलिस वाले ने एक महिला से पूछा,
बहन,क्या तुम शराब पीती हो ?
क्यो तुम इतनी तेज धूप में खड़ी हो ?
महिला ने जवाब दिया,
मैं शराब नहीं पीती हूं,
पर शराब बेचकर जीती हूं।
मेरा घरवाला एक मजदूर है,
जो पीने के लिए मजबूर है।।
वह जो दिन भर कमाता है।
उसे शराब पीकर उड़ा देता है।।
मै भूखे बच्चो के पेट पालने के
लिए शराब की लाईन में खड़ी हूं।
चाहे तुम इसको समझो मेरी मजबूरी।
या पूरे दिन खड़े होने की मजदूरी।।
इस मजदूरी से ही बच्चो का पेट पालती हूं।
मै एक मां हूं इसलिए तेंज धूप में खड़ी हूं।
मै शराब के लिए नहीं ,भूखे बच्चो के लिए लडी हूं।
अगर शराब न मिलती तो मेरी 100रुपए द की ध्याड़ी नहीं मिलती और
मै अपने बच्चो को पेट न भरती।।
आर के रस्तोगी
गुरुग्राम