उड़े उड़े रे गुलाल मालवा में,

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उड़े उड़े रे गुलाल मालवा में,
गाल हुवा लाल लाल मालवा में,
म्हारी प्यारी इंदौर नगरी ,
खूब या पे होली जमरी,
छोरा छोरी होल खेले ,
रंग रंगीला चेहरा डोले ,
होली खेले रे लड्डू गोपाल मालवा में,
घणी मचे रे धमाल मालवा में |(१)
टोरी कार्नर की गेर न्यारी,
हाथी घोडा गाड़ी और लारी,
उची उची चले धार रंग री,
मस्ती और ठंडाई भंग री,
काला पिला और गुलाबी गाल मालवा में,
घणी मचे रे धमाल मालवा में |(२)
मोत गमी को शोक मनावे,
रंग डालवा सबका घरे जावे ,
छोटा बड़ा से कई फ़र्क नि पड्यो,
जाति धरम का नाम पे नि लडयो,
मिली जुली के खेले रे गुलाल मालवा में ,
घणी मचे रे धमाल मालवा में |(३)
आखा गाम की एकज बने होली ,
छोटा बड़ा सबकी एकज टोली ,
आखी रात होली बनवावे ,
जल्दी सवेरे उके जलावे ,
एकता की घणी रे मिसाल मालवा में ,
घणी मचे रे धमाल मालवा में |(४)
बड़ा बुडा का पगे लागे ,
आशीर्वाद से भाग जागे ,
बेन भाभी के भी रंग लगावे ,
मर्यादा को पाठ पडावे ,pri
संस्कारो को घनो हे जाल मालवा में ,
घणी मचे रे धमाल मालवा में (५)
रंग पंचमी को रंग अलग हे
गेर और दोस्तों को संग अलग हे
आखा देश में नि परमपरा एसी
मालवा की हे गभीर धरा एसी
रंग पंचमी की गेरे मजेदार मालवा में
घणी मचे रे धमाल मालवा में (६)

राजेश भंडारी “बाबू”

इंदौर(मध्यप्रदेश)

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।