जन्म से पहले और
मृत्यु के बाद,
क्या किसीको कोई जानता है?
ये प्रश्न दुनियां बनाने वाले ने,
हर किसी के मन में उलझाया है।
और जीवो को उनकी शैली अनुसार,
जीने का तरीका सिखलाया है।
और इस भू-मंडल में सभी को,
स्वंय की करनी के अनुसार उलझाया है।।
जन्म से लेकर बोलने तक,
मन ह्रदय पवित्र होता है।
फिर मायावी लोगो का,
खेल शुरू होता है।
किसको क्या बुलवाना है,
और ध्यान केंद्रित किस पर कराना है।
जो कहा न सके सीधे सीधे,
वो बात बच्चो से बुलबाते है।
और अपना उल्लू सीधा करवाते है।।
वाह री दुनियां और इसे बनाने वाले,
क्या तूने दुनियां बनाई है।
रिश्तों का अंबार लगाया,
फिर अपास में लड़वाया।
देख तमाशा इस दुनियां का,
फिर कैसे रिश्तों को धूल चटवाया।
सारी हदें पार करा दी,
जब बेटा-बेटी को माँ बाप से,
भाई बहिन को अपास में खूब लड़वाता है।।
तभी तो कहते है
जन्म से पहले,
और मृत्यु के बाद
कोई किसी को जानता है?
#संजय जैन
परिचय : संजय जैन वर्तमान में मुम्बई में कार्यरत हैं पर रहने वाले बीना (मध्यप्रदेश) के ही हैं। करीब 24 वर्ष से बम्बई में पब्लिक लिमिटेड कंपनी में मैनेजर के पद पर कार्यरत श्री जैन शौक से लेखन में सक्रिय हैं और इनकी रचनाएं बहुत सारे अखबारों-पत्रिकाओं में प्रकाशित होते रहती हैं।ये अपनी लेखनी का जौहर कई मंचों पर भी दिखा चुके हैं। इसी प्रतिभा से कई सामाजिक संस्थाओं द्वारा इन्हें सम्मानित किया जा चुका है। मुम्बई के नवभारत टाईम्स में ब्लॉग भी लिखते हैं। मास्टर ऑफ़ कॉमर्स की शैक्षणिक योग्यता रखने वाले संजय जैन कॊ लेख,कविताएं और गीत आदि लिखने का बहुत शौक है,जबकि लिखने-पढ़ने के ज़रिए सामाजिक गतिविधियों में भी हमेशा सक्रिय रहते हैं।