है इश्क तो
“इजहार ए वफा” कीजिए ।
यूं खामोश रहकर
न हमें परेशां कीजिए ।
कभी तो बैठ कर
सामने गुफ्तगू कीजिए ।
सिर्फ ख्यालों में ही न
मेरी धड़कनें तेज कीजिए।
आप ही से लबों पे
मुस्कान है
यूं ही उलझ कर जिंदगी में
न अब ये दिल उदास कीजिए ।
लिपटा रखा है इश्क मेरा
आंचल की तरह।
हमें भी तो आंचल की
कभी हवा दीजिए ।
इश्क है अगर तो
इजहार ए वफा कीजिए ।
#प्रभजोत कौर, मोहाली (पंजाब)
परिचय-
साक्षात्कार :
मेरा नाम प्रभजोत कौर है ।
मैं मोहाली” पंजाब” में रहती हूं
मैंने भी यह तक शिक्षा ग्रहण की है
मेरे लिए जिंदगी भगवान की दी हुई एक खूबसूरत सौगात है इसके हर पल का आनंद लेना चाहिए दर्द मेरे सबसे अच्छे दोस्त हैं वह मुझे और भी ज्यादा मजबूर बनाते हैं 9 साल पहले मुझे कैंसर की तीसरी स्टेज के कारण अपना एक पैर हमेशा के लिए गवाना पड़ा इसके लिए मैं उदास नहीं हूं क्योंकि इसके लिए भगवान ने मुझे चुना ।कई बार होती है तकलीफ पर मैं घबराती नहीं दिल की बात कलम से कह देती हूं ।जो मेरी रचनाएं होती हैं, वह मेरे दिल के एहसास होते हैं। मैं कुछ भी नहीं पढ़ती हूं ।मैं अपने ही दिल की दीवानी हूं, क्योंकि वह मुझे कभी कमजोर नहीं होने देता। मेरी सबसे बड़ी कमजोरी है… ना झूठ बोलना और ना ही सुनना। इसके लिए चाहे मेरे कितने रिश्ते टूट जाएं, मुझसे छूट जाएं। मेरा अनुभव है कि जब सभी आपका साथ छोड़ जाते हैं पर दर्द और तन्हाई आपको कभी तन्हा नहीं छोड़ते, इसलिए मैं इनका अपनी जिंदगी में तहे दिल से स्वागत करती हूं ।
मेरी रचनाएं:
एक सांझा काव्य संग्रह “अल्फाज ए एहसास”
कई अखबारोंऔर पत्रिकाओं में हमारी रचनाएँ
अपने दर्द, तकलीफ मैं अपनी कलम को कहती हूं वह इसे मेरे एहसास बनाकर मेरी डायरी में समेट देती है ।