वतनवालो तुमको है ये पैगाम
करो चंद लम्हे उन वीरो के नाम
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उतरे है जो खरे हमारी हसरत पर
बहाया है लहू वतन की सरहद पर
दिले गहराई से आवो करे उन्हे सलाम
वतनवालो……
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बिस्मिल,अश्फाक की वो सरफरोश बोली
“आजाद”,लाजपत की वो खून की होली
दो उन यादो को जिंदगानी मे धाम
वतन वालो…….
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वो आजादी के आशिक,इंकलाब के रास्ते
चढ गये फाॅसी पर देश प्रेम के वास्ते
छोड वक्ते अश्व की हाथ हमारे लगाम
वतन वालो……
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उनकी है मोहब्बत,उनकी ये रहमत है
घर अपने जो आज हम सब सलामत है
कायम है उनसे ही “अश्क” सूबह-शाम
वतनवालो…….
#संजय अश्क बालाघाटी