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घिरकर आयेगी जब याद मेरी बादलो की तरह
तुम भी हरकत करने लगोगी पागलों की तरह।।
तुम्हें भी भिगो देगा एहसासों का ये सावन जब
तमन्नाएं उग आयेगी जेंहन मे फ़सलों की तरह।।
मेरी तरह तुमको भी इश्क चैन से जीने ना देगा
तन्हा-तन्हा रहोगी तुम खुद मे महलों की तरह।।
सबकुछ भुल के तुमने तो घर बसा लिया,लेकिन
उस प्यार को मै लिखते रहुंगा ग़ज़लों की तरह।।
संजय अश्कपुलपुट्टा,बालाघाट
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