एक पहाड़ की गगनचुम्बी ऊँचाई देख
हम दंग रह गये कि
यही है दुनिया का सबसे ऊँचा पहाड़
सबसे सुन्दर और सम्पन्न पहाड़
लेकिन जब और गहराई में गये
और, और समझ बढी
तब समझ में आया –
ऊँचा होना और बात है
और सुन्दर और सम्पन्न होना और।
उस पहाड़ पर चढने पर
उससे भी ऊँचे पहाड़ दिखे
शनै-शनै ऊँचाईयाँ बढती गयीं
भ्रम टूटते गये
बहुत से पहाड़
ऊँचे तो थे
पर कुरूप और विपन्न।
बहुत से पहाड़
ऊँचे भी थे और सुन्दर भी
पर, सम्पन्नता से कोसों दूर।
पहाडों की दुनिया में
इने-गिने पहाड़ ही मिले
जो ऊँचे भी थे
सुन्दर भी थे
और सम्पन्न भी।
#सुनील चौरसिया ‘सावन’
कुशीनगर(उत्तर प्रदेश)