हम मिले दर्द को छिपा कर के
क्या मिला उनसे यूँ वफ़ा करके
याद करते है वो भुला कर के
फिर बुलाते है वो दुआ कर के
पल दो पल की इस ज़िन्दगी में तुम
जीत लो दिल यूँ मुस्कुरा कर के
हाथ को हाथ में ले कर देखो
कर के देखो यूँ फ़ैसला कर के
बाँधे धागे यूँ मन्नतों के जब
तुम मिले हो ख़ुदा ख़ुदा कर के
लौट आई अभी अभी मिल कर
आँख से आँख मशवरा कर के
वो ग़ज़ल के रदीफ़ है ‘आकिब’
ख़ुश है हम शे’र को निभा कर के
परिचय :
नाम-. मो.आकिब जावेदसाहित्यिक उपनाम-आकिबवर्तमान पता-बाँदा उत्तर प्रदेशराज्य-उत्तर प्रदेशशहर-बाँदाशिक्षा-BCA,MA,BTCकार्यक्षेत्र-शिक्षक,सामाजिक कार्यकर्ता,ब्लॉगर,कवि,लेखकविधा -कविता,श्रंगार रस,मुक्तक,ग़ज़ल,हाइकु, लघु कहानीलेखन का उद्देश्य-समाज में अपनी बात को रचनाओं के माध्यम से रखना