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किस तरफ हो मुड़ो।
जिन्दगी से जुड़ो।
जो निभाये — निभे
उस अभिलाषा से जुड़ो।
जो खुशी से जुड़े
तुम उसी से जुड़ो।
यह जरूरी नहीं
तुम मुझी से जुड़ो।
कुछ लचीले बनो,
तब किसी से जुड़ो।
गर ख़ुदा चाहिए
बेखुदी से जुड़ो।
जोड़ जाहिर न हो,
गर किसी से जुड़ो।
हर किसी से मिलो,
पर कुछी से जुड़ो।
कुछ खुशी के लिए,
बेबसी से जुड़ो।
शांति की चाह है
सादगी से जुड़ो।
प्रेमी से जुड़ो
दिलकशी से जुड़ो।
जुड़ो – जुड़ो जुड़ो
हर किसी से जुड़ो।।
#आलोक प्रेमी
परिचय-
नाम-आलोक प्रेमी
पिता-श्री परमानंद प्रेमी
माता-श्रीमती गोदावरी देवी
स्थाई पता-ग्रा•+पो•-भदरिया
थाना-अमरपुर
जिला-बाँका(बिहार)
813101
शैक्षणिक योग्यता-शोधार्थी नेट (हिन्दी)
अन्य-आकाशवाणी भागलपुर से नियमित रूप से स्वरचित कहानी/कविता/आलेख/वार्ता का प्रसारण।
शौक-अच्छी किताबें खरीदने की
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Fri Feb 22 , 2019
झूठ कहने के तरीके हज़ार हैं साहेब आपके सलीके हज़ार हैं अखबार,व्यापार,सरकार,सरोकार आज सब नंगे खड़े भरे बाज़ार हैं मान गए आप आला खलीफा हैं बेच दिए यूँ ही नहीं मंदिर मज़ार हैं हर कही बात हो ,जरूरी तो नहीं पर आँखों से रोते तो जाऱ जाऱ हैं वक़्त पूछेगा […]