भजन माता की

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aashutosh kumar
कर लो, कर लो बिनती कर लो
थोडे वक्त में शकून भर लो
बसंत में आस्था की सजी दरबार
नवरात्र संग नववर्ष की उपहार
कर लो, कर लो बिनती कर लो
थोडे वक्त में शकून भर लो।

धूप गुगूकल पूजा की थाल सजेगी
मंत्र पाठ अब हवाओ में गूँजेंगी
फल दूध के पकवानो का
सुबह शाम अब भोग लगेगी
सुमिरन करते-करते सुबह से शाम कर लो
कर लो, कर लो बिनती कर लो
थोडे वक्त में शकून भर लो।

चैत्र नवरात्र में माता रानी पुनः
भक्तो के द्वार आयी
प्रकृति को देने पत्तियो
संग नूतन सौगात लायी
हरा भरा संसार कर लो
कर लो, कर लो बिनती कर लो
थोडे वक्त में शकून भर लो।

भक्ति से मिलेगा सच्चा जीवन
देखो आस्था की बहार आयी
नये फसल नये पुष्प और उमंग लायी
मन मन्दिर से उनको भज लो
कर लो, कर लो बिनती कर लो
थोडे वक्त में शकून भर लो।

सबो से घूल मिल कर
हाल तुम्हारे जानेगी
जो चढाये वही अमृत बन जाएगी
देवी ही सब कुछ दिलाएगी
दया निधान कृपा निधान
का सुमिरन कर लो
कर लो, कर लो बिनती कर लो
थोडे वक्त में शकून भर लो।

“आशुतोष”

नाम।                   –  आशुतोष कुमार
साहित्यक उपनाम –  आशुतोष
जन्मतिथि             –  30/101973
वर्तमान पता          – 113/77बी  
                              शास्त्रीनगर 
                              पटना  23 बिहार                  
कार्यक्षेत्र               –  जाॅब
शिक्षा                   –  ऑनर्स अर्थशास्त्र
मोबाइलव्हाट्स एप – 9852842667
प्रकाशन                 – नगण्य
सम्मान।                – नगण्य
अन्य उलब्धि          – कभ्प्यूटर आपरेटर
                                टीवी टेक्नीशियन
लेखन का उद्द्श्य   – सामाजिक जागृति

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