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आखिर तुम ऐसी क्यूं हो……..
तुम को देख के ये दिल बार-बार जोर से धड़कने लगता है,
तुम्हारे बारे में सोच कर मन बेचैन हो जाता है,
तुम्हारे बारे में सोच कर ये तन्हा दिल खुशी से उछल पड़ता है,
तुम्हारी हँसी देख के ये उदासी भी छोड़ के मीलों दूर चली जाती है,
तुम्हारे कितना भी गुस्सा करने पर भी ये दिल तुम को ही देखने की चाहत करता है,
तुम्हारी एक झलक पाने को ये आँखे बेचैन हो के तुम को ही ढूढती हैं,
जब भी तुम चलती हो तो ये आँखे तुम पे ही टिक जाती है,
तुम को ही अपने सपने में देखने की चाहत करता है ये मन,
तुम को देख के ये मन दुनिया को भी भूल जाता है,
तुम को न देखे तो हँसी भी फीकी लगने लगी है,
तुम को देख के चंचल मन भी शांत हो के तुम पे ही रुक जाते हैं,
तुम को देख के ये फूलो से नाजुक बच्चे भी खुशी से किलकारियां भरने लगते है,
तुम को बनाकर उस ईश्वर को भी खुशी मिलती होगी।
आखिर तुम ऐसी क्यूँ हो…………..
#राहुल चौधरी
परिचय: राहुल चौधरी जी की जन्मतिथि 19 जनवरी 1995 और जन्मस्थली रामनगर-वाराणसी है। पिताश्री राजेश कुमार एवं माताश्री सुमन देवी के लाडले सुपुत्र श्री चौधरी साहब कोमल हृदय एवं धनी व्यक्तित्व के रूप में जाने जाते हैं। रामनगर से ही इंटरमीडिएट की परीक्षा उत्तीर्ण करने के पश्चात आपने काशी हिन्दू विश्वविद्यालय वाराणसी से स्नातक किया। इसके अलावा एनसीसी,एन०एस०एस० और स्काउट गाइड की भी शिक्षा प्राप्त की। लेखन कार्य,बैटमिंटल और कैरम के शौकीन श्री चौधरी जी की विधाएं कविता एवं लघुकथाएं हैं। वर्तमान समय में आपका कार्यक्षेत्र अध्यापन, लेखन के साथ-साथ डीएलएड (बीटीसी) के क्षेत्र में कार्यरत हैं।
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