अतीत ने वर्तमान की आंखों में झांका और मुस्कुरा के कहा, जीवन तो मैंने जिया, अब तो सिर्फ दौड़ है जीवन कहाँ रहा ??
नवम्बर ८, १९६९ को जोधपुर की धरती पर पिता श्याम सिंह लोढ़ा और माता शोभा देवी की कुक्षी से हास्य रस के राग शैलेष का जन्म हुआ। पिता के शासकीय नौकरी में होने से बचपन में शैलेष की शिक्षा विभिन्न शहरों में हुई। ग्रामीण परिवेश के करीब रहने के कारण शैलेष की रचनाओं में हास्य के साथ करुणा के स्वर मुखर होते दिखाई देते है। सिरोही राजस्थान में आपने स्नातक की पढ़ाई पूरी की। डॉ स्वाति लोढ़ा से आपका विवाह हुए, स्वाति स्वयं एक अच्छी लेखिका है। आपकी एक बालिका स्वरा भी है। शैलेश लोढा एक भारतीय अभिनेता तथा हास्य कवि के रूप में तो मशहूर है ही साथ में वर्तमान में तारक मेहता का उल्टा चश्मा में “तारक मेहता” किरदार निभा रहे हैं।
शैलेश लोढा एक भारतीय अभिनेता तथा हास्य कवि के रूप में तो मशहूर है ही साथ में वर्तमान में तारक मेहता का उल्टा चश्मा में “तारक मेहता” किरदार निभा रहे हैं। भारतीय सिनेमा में वर्ष 2008 में कॉमेडी सर्कस, 2008 से अब तक तारक मेहता का उल्टा चश्मा तारक मेहता, 2012-2013 वाह! वाह! क्या बात हैi! और 2014 अजब गजब घर जंवाई विशेष उपस्थिति बना कर शैलेश सक्रीय है।
महज १२ वर्ष की उम्र से (सन १९८०) से हिन्दी कविता के मंच पर शैलेश आए और तब से आज तक जमे हुए है। हिन्दी कविता के प्रारंभिक स्वरुप को शैलेश उत्कृष्ट बताते हुए कई बार कहते है कि जिस तरह के डबल मीनिंग का दौर आया है यह खतरनाक है। शैलेश ने सदैव हिंदी के मंचों पर हिन्दी की ताज रखते हुए अपनी श्रेष्ठता प्रदर्शित करी है।
हजारों कविसम्मेलनों में सक्रियता से किरदार निभाने वाले शैलेश इन सब के अतिरिक्त हिंदी की वाचिक परंपरा के सशक्त हस्ताक्षर बनकर हिंदी की गरिमा को स्थापित कर रहे है।
शैलेश लोढ़ा रस – हास्य रस अनुभव – ४ दशकों से अधिक निवास- मुंबई (महाराष्ट्र)
रश्मिरथी डॉ कुमार विश्वास : हिन्दी की प्रसिद्धि से दीवानी कविता तक डॉ अर्पण जैन ‘अविचल’ यशस्वी सूर्य अम्बर चढ़ रहा है, तुमको सूचित हो विजय का रथ सुपथ पर बढ़ रहा है, तुमको सूचित हो अवाचित पत्र मेरे जो नहीं खोले तलक तुमने समूचा विश्व उनको पढ़ रहा है, तुमको सूचित हो […]
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए।
आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं।
कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।