सेतु 

0 0
Read Time4 Minute, 39 Second
DSC00622

लेखिका ज्योति जैन ने स्त्री विमर्श के आधुनिक बोध और  समकालीन यथार्थ को सेतु संग्रह में बेहतर तरीके से लिखा है । और यही बात को लेखिका ने सेतु के माध्यम से समझाई भी है-साहित्य रचनेवाला किसी भी क्षेत्र या भाषा  का हो, उसका साहित्य उसके व् पाठकों के बीच सेतु का काम करता है ।”कहानियाँ कुल मिलकर 21  है जो विभिन्न विषयों के जरिये  वैचारिक ऊर्जा समाहित करती है और यही सेतु की खासियत है ।

“सेतु” कहानी में रिश्तों और भाषा को जोड़नेमें सेतु का महत्व बताया   -“सेतु चाहे बड़ा हो या छोटा ,जोड़ने का ही काम करता है । किनारे दूर रहकर भी साथ रहते है ।”छोड़ी हुई” में विडंबना ,व्यथा के संग ” छोड़ी हुई ”  बेइज्जती भरे तानो  को झेलती स्त्री में सहनशीलता की और इशारा किया है । शायद , छोड़ी हुई जैसे शब्द भरे बाणों पर अंकुश लगाना भी कहानी का   मूल उदेश्य  रहा हो। ” इफ यू लव समबडी ”  कहानी  में प्रेम की अभिव्यक्ति को कुछ यू निखारा  है -” प्रेम कुर्बानी नहीं माँगता ,हमेशा जीना  ही सिखाता है । प्रेम जिंदगी का पर्याय है “मानव जीवन ईश्वर का दिया सबसे खूबसूरत उपहार,इसे यूँ नष्ट कर उसका अपमान न करों । जीवन को महसूस करो ,उसे भरपूर जियो और जिन्दादिली से जियो ”  “पारस” कहानी में शिक्षा की अभिलाषा व् देह  व्यापार से मुक्ति की बात रखी -‘ क्या यहाँ कोई स्कूल नहीं है ?” वो बोले जा रही थी ,”क्या तुम्हे नहीं लगता कि इस अँधेरे माहोल में शिक्षा का उजाला होना जरुरी है ।””स्कूल तो कब्बी गई नहीं मैडम । टीवी ,पिक्चर में ही देखा है बस । “इस धन्धे को छोड़ना चाहती है ,छोड़ भी रही है । चार अक्षर बाचना चाहती है । हम धीरे -धीरे ही सही पर बढ़ रहे है । देह व्यापार के उन्मूलन  व् शिक्षा प्राप्ति कहानी संदेश परक रही । ज्योति जैन की कल्पनाशीलता ,शब्दों की गहराई से जीवन के कटु सत्यो का चित्रण अन्य कहानियो में  बखूबी किया और सम्मानजनक जीने की प्रेरणा स्त्री पक्ष को दी । ” सेतु” संग्रह कहानी जगत में अपनी पहचान अवश्य स्थापित  करेगा व साहित्य उपासकों,फिल्म जगत , टी वी  सीरियलों में विषय वस्तु की मांग कहानी  के शौकीनों के लिए मददगार साबित होगा । ज्योति जैन को सेतु कहानी संग्रह के लिए  हार्दिक बधाई ।
कहानी संग्रह -सेतु
लेखिका -ज्योति जैन

#संजय वर्मा ‘दृष्टि’

परिचय : संजय वर्मा ‘दॄष्टि’ धार जिले के मनावर(म.प्र.) में रहते हैं और जल संसाधन विभाग में कार्यरत हैं।आपका जन्म उज्जैन में 1962 में हुआ है। आपने आईटीआई की शिक्षा उज्जैन से ली है। आपके प्रकाशन विवरण की बात करें तो प्रकाशन देश-विदेश की विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में निरंतर रचनाओं का प्रकाशन होता है। इनकी प्रकाशित काव्य कृति में ‘दरवाजे पर दस्तक’ के साथ ही ‘खट्टे-मीठे रिश्ते’ उपन्यास है। कनाडा में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर विश्व के 65 रचनाकारों में लेखनीयता में सहभागिता की है। आपको भारत की ओर से सम्मान-2015 मिला है तो अनेक साहित्यिक संस्थाओं से भी सम्मानित हो चुके हैं। शब्द प्रवाह (उज्जैन), यशधारा (धार), लघुकथा संस्था (जबलपुर) में उप संपादक के रुप में संस्थाओं से सम्बद्धता भी है।आकाशवाणी इंदौर पर काव्य पाठ के साथ ही मनावर में भी काव्य पाठ करते रहे हैं।

matruadmin

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

क्या राम पथ और नर्मदा मैया लगाएंगी कांग्रेस की नैया पार

Mon Sep 17 , 2018
भारतीय जनता पार्टी को उसके ही उस अस्त्र से शिकस्त देने का कांग्रेस ने तानाबाना बुना है जो कि अभी तक उसका मुख्य चुनावी अस्त्र रहा है। कांग्रेस ने 23 सितम्बर से 09 अक्टूबर तक राम वनगमन पथ-यात्रा निकालने का ऐलान किया है तो वहीं पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह की […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।