नाम : निखिलेशसिंह यादवजन्मतिथि : 21.10.1977पता : शास्त्री नगर, गोविंदपुर रोड,गोंदिया-441601(महाराष्ट्र)सम्पर्कसूत्र : मोबाइल 9049516103सम्मान : साहित्य सृजन सम्मानप्रकाशन : विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में रचनाएँ प्रकाशित
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क्यों सहती हो बार-बार, अनाचार, अत्याचार,
उठा लो हाथ तलवार, न बनो अब ढाल तुम।
समाज में कुकर्मी हो, चाहे सहकर्मी हो
अधर्मी या विधर्मी हो, उनका हो काल तुम।
तजो साज-सिंगार को, धरो हाथ अंगार को,
व्यभिचारी के संहार को, रूप धरो विकराल तुम।
जो उठने लगे भुजंग, हो पापियों के अंग-भंग,
कर नर्तन तांडव संग, धारो मुण्डमाल तुम।
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