रमेश और विनय दोनों ही अच्छे दोस्ते थे । उनमें बहुत परम था दोस्ती भी इतनी गहरी की आँख बंद कर दोनों एक दूसरे पर विश्वाश किया करते थे ……….
एक दिन रमेश अपनी बेटी को लेने स्कूल गए । परी को स्कूल से लिया रास्ते में ही विनय का फ़ोन आया काय भैय्या कहाँ हों दुकान में कि घरे ! रमेश ने कहा परी को स्कूल लेने आएँ है अबे तो रास्ता में हैं , बोलो का काम है । विनय ने बोला कछु नई रास्ते में मिलत भए जईयो । हओ ठीक है कह कर रमेश ने फ़ोन रख दिया ।
धोडी देर बाद रमेश ने एक दुकान के सामने गाड़ी खड़ी की और अंदर चले गए । परी गाड़ी में ही बैठी थी । वहाँ अंदर रमेश गए कुछ बातें हुईं तभी अचानक रमेश का फ़ोन बज उठा दुकान से उनके पिता का फ़ोन आया जल्दी आओ थोड़ा काम है । रमेश ने विनीत से कहा यार तुम परी को छोड़ आओ घरे हमें दुकान जाने है विनीत ने हाँ कहा और परी को अपनी कार में बैठा लिया । पता नहीं विनीत क्या सूझी उसने गाड़ी दूसरी ओर घुमा ली एक सुनसान रास्ते की ओर परी कहा चाचा हम कहा रहे हैं मुझे घर जाना है । हाँ चलते हैं बस दो मीनिट का काम है । परी कोमल बाल मन कुछ समझ न सका ।
विनीत ने झाड़ियों के पास उतर कर
ख़ूब शराब पी और परी के न चाहते हुए भी उसके साथ ज़ोर ज़बरदस्ती की परी चीख़ती रही चिल्लाती रही पर उसका इस वहशी दरिंदे पर कोई असर हुआ उस हैवानियत के दरिंदे ने बच्ची को कहीं का न छोड़ा ये भी भूल गया की जिस बेटी के साथ उसने दुष्कर्म किया वो उसकी बेटी की उम्र की है । परी की साँसे मद्धम पड़ने लगी । परी को उसने झाड़ियों में फेंक दिया ।
उधर परी की माँ ने रमेश को फ़ोन लगाया । आज परी को नहीं लाए आप ??? परी आ जाएगी । विनीत के साथ भेजा है हो सकता है घर ले गया हो रिया के साथ खेल रही होगी । फिर भी काफ़ी समय हो गया अब तक तो आ जाना चाहिए था । आप फ़ोन लगाओ बोलो छोड़ जाएँ या आप लेकर आओ । रमा का मन बहुत अशांत हो रहा था । रमेश ने विनीत को फ़ोन लगाया उसने फ़ोन नहीं उठाया । उठाता भी कैसे वो तो नशे में चूर था । रमेश ने विनीत के घर फ़ोन कर पूछा तो रितु ने कहा ये तो घर आए ही नहीं । अब रमेश को चिंता सताने लगी । पूरा परिवार एकत्रित हो गया चारों ओर फ़ोन लगने लगे । सभी डरे हुए थे कोई हादसा तो नहीं गया । सभी किसी सड़क दुर्घटना के बारे में सोच रहे थे । काफ़ी तलाश के बाद हार कर पुलिस में इत्तला दी गई पुलिस की छानबीन शुरू हुई । फ़ोन ट्रेस कर पता लगाया । जिस जगह मोबाइल मिला वो सुनसान इलाक़ा था पुलिस की तलाश के बाद परी की लाश झाड़ियों में मिली । विनीत फ़रार हो गया था ।
*आज अपनो के भेष में भी वहशी दरिंदे घूम रहे है किस किस से हम अपनी लड़कियों को बचा पाएँगे कहा रख पाया विनीत दोस्ती का मान किस पर भरोसा रह पाया आज ?सारे रिश्ते प्रश्न चिन्ह बन रह गए ????
#अदिति रूसिया