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हवाओं में ये कैसी कसक है ,
शब्दों में , इन्द्रधनुषी चमक है ,
शब्द हवाओं में खो गए है ,
कुछ पल यादों में सो गए है ,
मधुशाला में बैठ , हर शाम कुछ कहते है ,
मैखानो में ही क्यों , हर गम यूँ बहते है ,
शब्द भी तो हैरान है ,
हर एहसास , शब्दों में गुथा हुआ फरमान है ,
शब्दों में गुथा हुआ फारमान है ।
#खुशबू कुमारी
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