हिंदी न सिर्फ भाषा है, ये  हमारी  माता  है। कुछ मंदबुद्धि इंसानों के कारण, आज इसकी हो रही उपेक्षा है। माँ के प्यार में, पापा के दुलार में बड़ों की डांट-फटकार में, प्रत्येक रिश्ते में हिंदी बसता है। युवा अंग्रेजी पर अभिमान करता है, हिंदी बिना उनका अधूरा ज्ञान रहता […]

देशभक्त सारे आगे आओ, देश के दुश्मन को मार भगाओ। हम कद्र करते इंसान की, सह सकते नहीं कभी, जो समर्थक हो पाकिस्तान का। जो है गद्दार देश का, वो हमारा भाई नहीं, भारत माँ की संतानों से मेरी कोई लड़ाई नहीं। भगतसिंह के देश को तुम आज़ाद रहने दो, […]

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आओ हम मिलकर,देश में नई अलख जगाते हैं,                                              हिन्दी को उसका खोया सम्मान,फिर से दिलाते हैं। हिन्दी भाषा है,ज्ञान-विज्ञान की, हिन्दी भाषा है,भारत के स्वाभिमान की हिन्दी में […]

हिंदी दिवस पर विशेष…… नए बोल सिखाती है,मुझे ज्ञान कराती है। ए माँ भाषा तू ही मुझे सम्मान दिलाती है॥ नए बोल सिखाती है …….. भारत का है गौरव तू,चमकी बन भानु प्रभा। जन-जन की है सौरभ तू,महकी हर दिशा दिशा। भारत-सुत में तू ही नया स्वाभिमान जगाती है॥ नए […]

सच्चे इंसान को झूठा साबित किया जाता है… और हर झूठा आदमी लोगों को सच्चा इंसान दिखता है, कुछ नहीं हो सकता इस देश का… यहां पैसों में हर एक इंसान बिकता है…ll हक छीने जाते हैं यहां गरीब किसानों के… और भ्रष्टाचारी ही यहां सबसे ज्यादा अमीर इंसान दिखता […]

नहीं रोती है आँखें अब, किसी के बुझे चुल्हे पे भूख से तड़पते बच्चों पर, नहीं आता है रहम किसी कोl    नशे में डगमगाते युवाओं के कदम, नहीं जाता है ध्यान किसी का बेटे की याद में बिताते पल पर, टूटती सांसों की डोर परl    नहीं थामता हाथ […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।