हिन्दी नारी की बिंदी है, उससे अंगार निकलने दो ये मन-से करुणा है हिन्दी, जन-जन का सपना है हिन्दी। भावों की तूलिका है हिन्दी, बिटिया की लोरी है हिन्दी माँ-सी आहट है हिन्दी, फौजी की भाषा है हिन्दी। हिन्दी जीवन का गहना है, बस ये ही तुमसे कहना है, अब […]
काव्यभाषा
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