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पिता, पिता ही नहीं, पिता बनकर पिता रुप में, पिता एक बहुत ही महान आत्मा होती है कर्मठता यदि उसकी कुछ कर नहीं पाती है,तो अन्तरात्मा उसकी सिसक-सिसककर रोती है। पिता परिवार का मुखिया, पालनकर्ता है, इसलिए पिता भरसक यह कोशिश करता है कि, पेट अपना चाहे भरे,न भरे पर […]

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मेरी नाव चल पढ़ी थी बारिश के  पानी की बहती धारा के साथl जैसे ही वो हिचकोले खाती,मेरे दिल की धड़कन भी ऊपर-नीचे हो जातीl वो थी तो कागज़ की,लेकिन उस पर मेरे विश्वास ने उसे लकड़ी जितना मज़बत बना दियाl इतनी तेज़ बारिश में भी वो बह रही थीl […]

दीप घर-घर हम जलाएं दोस्तों। हिन्द को रोशन बनाएं दोस्तोंll    नफरतों की बस्तियाँ हो दफन। प्रीत के हम गीत सुनाएं दोस्तोंll    बंजर जमीं पर पौध लगाएं हम। धरती को फिर से सजाएं दोस्तोंll    खेतों में इमारतें दिख रही है जहां। उनको गिराकर खेत बनाएं दोस्तोंll    विश्वास […]

रहिए हमेशा कर्मरत यह कर्म ही तो धर्म है। संवाद होते हैं मधुर प्रतिकूल लेकिन कर्म हैll    संसार माया मोह का पहने कवच ऐसा खड़ा, है भेदना सम्भव नहीं,कितना कठिन यह वर्म हैll   परवाह करता कौन है कोई दुखी हो या मरे, समझा कोई सकता नहीं,दुनिया बड़ी बेशर्म […]

राजनीत का गेट खुला है, सबको अंदर आने दो, कपट-द्वंद के वाद्ययंत्र पर सबको मंतर गाने दो। अपनी झांकी आगे रखता, हर शख्स यहां पर नेता है, भर चातुर्मास परकम्मा करता दिग्गी भी अभिनेता है। देख लचीलापन खेमों में इनकी नीदें खुलती हैं, चैन चुनावी बिन सोने की,हीरा भाव में […]

वेदनाओं में मधुर मुस्कान लिखता हूँ, नफरतों में प्रेम का मैं गान लिखता हूँ। ऐ मेरे खाक-ए-वतन तू रुह है और जान मेरी, शौर्य गाथा में तेरे मैं जमीं आसमान लिखता हूँ। भाव विश्व वन्धुत्व का है दिल-ए-जर्रो में तेरे, सत्य,अहिंसा,प्रेम,दया का मैं आन लिखता हूँ। है ‘शिवम्’ ख्वाहिश मेरी,हो […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।