बन्द हैं दरवाजे,कभी तो खुलेंगे, कभी तो हम अपनो से मिलेंगे। उम्मीद रखो,अच्छा वक्त आयेगा, जो बिछड़े है,वे जल्दी ही मिलेंगे।। सूरज छिपता है,तो निकलता भी है, बीज बोते है,तो पौधा उगता भी है। उम्मीद पर है ये कायम दुनिया है सारी, सोता है इंसान तो कभी जागता भी है।। […]

मौत की जबसे यारों ख़बर आ रहीं है मुझे तो कयामत नज़र आ रहीं है काश कि, रैलियां काफ़िले जो न होते आज आँखे हमारी भर आ रही है मौत की यारों…. घुल गया है जहर बू भी आने लगी उस शहर से हवा इस शहर आ रही है मौत […]

सब है एक समान सभी का रखो मान बस छोड़ो अभिमान क्या कोई लाया है? क्या ले जायेगा? जिंदगी का आखिरी सफर बिन दौलत हो जायेगा जो सदकर्म किये जीवन में वे ही साथ निभायेगे जो पूण्य कमाये है वे ही काम में जायेगे ।#श्री गोपाल नारसन Post Views: 544

पुस्तकें हमारी यार हैं, ज्ञान का भण्डार हैं। कर लो इनसे दोस्ती, जीवन का ये सार हैं। सूरज इनमें तारे इनमें, बादल भी इनमें बरसें-2 ओ……….. इनमें भी चलती पुरवैया, खुशियाँ इनसे बरसें-2 पुस्तकें हमारी…….. राजा रानी की किस्से हो, या परियों के कहानी-2 ओ…….. भालू बन्दर की शैतानी हो […]

हे! परम पिता पूज्य परमात्मा, इस कोरोना का कर दो खात्मा। हर तरफ हाहाकार मचा हुआ है, शवो का काफी अंबार लगा हुआ है। श्मशान में जगह कहीं नहीं है, वहां पर भी लंबी लाइन लगी है। कर दो प्रभु इन सबका खात्मा, हे! परम पिता पूज्य परमात्मा। अस्तपतालो मे […]

कर्नाटक के हरिदास ने दर्शन को आम जनता तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। यह आश्चर्य की बात नहीं है कि अभी तक कोई भी सही समाधान में भेजने में सक्षम नहीं था, जो अजीब नहीं है। ऐसा इसलिए है क्योंकि वे माधव विचारधारा के अनुयायी थे। हरिदास साहित्य […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।