ममता शब्द का अर्थ सुना था, अब तक तो हम सबने प्यार। क्या पता था ये ममता ही, प्यार पर अपनी जान देगी वार।। :- जन्म दिया था एक माँ ने, एक माँ ने गोद खिलाया. दो माँ दो बाप हुए कितना अच्छा नसीब था पाया.. पाल पोषकर बड़ा किया, […]

लोगो से मिलोगे, तभी उनकी भावनाओ को समझोगे / जब भावनाओ को समझोगे, तभी एक दूसरे के दोस्त बनेंगे / जब दोस्त बनेंगे तो, एक दूसरे को समझेंगे / जब समझ जायेंगे तो, फिर निरंतर मिलते रहेंगे / जब निरंतर मिलते रहेंगे, तो ही तो रिश्ते बनेंगे / और जब […]

1. पालन पोषण पेड़ प्रिय, परम्परा पितभाँति। पैर *प्रलोभन* पंथ पर, पंछी पथिक पदाति।। 2. पौरुष पथ पहचान पुरु, पूत पेड़ प्रतिपाल। *प्रलोभन* प्रतिघात पहल,पातक पड़े पताल। 3. पल पल प्रण पूरा पड़े, *प्रलोभन* परित्याग। पान  पताशा  पाहुना, पूजन पेड़  प्रयाग।। 4. पेड़ पर्वती पर्यटन, पथजलीय पतवार। परे *प्रलोभन* पातकी, […]

बात कुछ ना थी बवंडर हो गए, महल आलीशान खंडहर हो गए, ======================= वक्त के हाथों बचा ना कोई भी, दफन कितने ही सिकंदर हो गए, ======================= थोड़ी शोहरत थोड़ी इज्ज़त क्या मिली, वो जो कतरा थे समंदर हो गए, ======================= हो गए सीने से मेरे आर पार, लफ्ज़ तेरे […]

रामकृष्ण की जन्मभूमि दिया कर्म  का ज्ञान यहाँ सदियों से पृथ्वी का ये गौरान्वित धरा रहा त्याग तपस्या योग यहाँ सदा था स्वतंत्र  धरा रौदानें को हमारी संस्कृति आते रहे अनेक लुटेरे सदा और जकड़ा छल  से शासन किया सालोंसाल पिंजड़े में कैद मनुष्यता छटपटाहट पोर पोर बसी कहाँ रुकी […]

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पूरी घाटी चमक रही थी चाँद सितारे झंडो से। कश्मीर में हवा चली थी अफजल के ही नारों से। सेना ने इस बार तमाचा ही जकड़ दिया। और घर घर जाके अफजल को ही मार दिया।। अरे निकम्मो कुछ तो शर्म करो। अपने भीतर झाको कुछ तो हरम करो। तुमने […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।