आज चिन्तामय हृदय है, प्राण मेरे थक गये हैं, बाट तेरी जोहते ये नैन भी तो थक गये हैं, निबल आकुल हृदय में नैराश्य एक समा गया है, वेदना का क्षितिज मेरा आँसुओं से छा गया है…!! आज स्मृतियों की नदी से शब्द तेरे पी रही हूँ, प्यास मिटने की […]
काव्यभाषा
काव्यभाषा
