मैं विहर्ष हूँ, मैं प्रकर्ष हूँ, संघर्षों में विजय हर्ष हूँ || आसमान छूने की हिम्मत, *आशाओं का नया वर्ष हूँ ||* दिग्-दिगन्त में फैल रहे हैं, भीषणता के परमाणु, काल खड़ा है मुँह फैलाये, खाने जग के बीजाणु || विध्वंसों के पैर उखाड़े, उल्लासों का नव विहर्ष हूँ | […]

हिन्दी के सम्मान हित, कार्य करते दिन रात। मातृभाषा, परिवार  है, साहित  को सौगात। साहित को सौगात, सभी के सृजन  प्रकाशे। नवसृजक हितमान,सभी की कलम विकासे। कहे लाल कविराय ,साहित भाल की बिन्दी। अर्पण जैन  महान, समर्पित  जीवन  हिन्दी। .                      करते सृजन प्रकाश ये, हिन्दी  अंतरजाल। अर्पण जी छापे सभी, […]

परमात्म याद बेहद सरल आप भी करिए याद चलते फिरते उठते बैठते  मन मे रहे ईश्वर की याद इस याद से ही पाप कटते इससे ही हरते सब सन्ताप विकर्मों से भी मुक्ति मिलती इसी से पावन बनते आप 24 में से केवल 8 घण्टे ईश्वर के लिए दे दीजिए […]

चीख रही है बेबस नारी, सुनले अ दरिंदे बलात्कारी…. नोचा जब तूने इस तन को, आवाज नही आई तेरे मन मे! 9 महीने गर्भ में रहा नारी के, सिहरन ना हुई तेरे तन में!! अस्तित्व तेरा नारी से, इसकी उंगली पकड़कर खड़ा हुआ! नारी तन के स्तन से ही, दूध […]

नभ चाहें धरती डोले, वो बैठें फेसबुक खोले उंगली करें होले होले,वो बैठें फेसबुक खोले! दुनिया भर के दोस्त बना दे, ये इण्टरनेट साइट, गीदड़ भी है यहाँ गरजते होकर इकदम टाइट। हैलो हाय बोलते रहते, हाउ आर यू कहते , सुन्दरियों को देख एक पे सौ रिकवेस्ट हैं करते। […]

हर-हर महादेव शिव शंकर हे!बैरागी हे!चन्द्रशेखर नाग वासुकी कण्ठ सुशोभित मस्तक पर द्विज चन्द्र है सुंदर गौरी के गौरव हे! अविनाशी मृत्यंजय हे!गिरि के वासी कांप उठे सब तीन लोक तब डम-डम डमरू नाद करे जब शीश जटा सोहे किलोल भरी अभिषेक करे  पावन जल से भस्मों का श्रृंगार किये […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।