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  तुमसे है प्रेम कितना, यह नापने के लिए कोई पैमाना नहीं.. यह बताने के लिए, कोई शब्द भी नहीं.. कोई जतन भी नहीं यह तुम्हें जतलाने के लिए क्योंकि,तुम्हारे और मेरे शब्द व उनके अर्थ तुम्हारी व मेरी भाषा एक हो चुके हैंl   अब मैं तुम्हारी चुप्पी को […]

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हे श्रमजीवी तुम चलते जाना, खनन कर निज तृष्णाओं का.. तर्पण कर मन की दुर्बलताओं का भीति तुम्हारे देव नहीं हैं क्या कर्मों पर संदेह कहीं है? तिमिर राह को भेदकर बन्धु, विजयश्री पथ पर बढ़ते जानाl हे श्रमजीवी तुम चलते जानाll है बहुत जटिल यह जीवन रण, व्यथित करे […]

व्यथित है मेरी भारत मां,कैसे छंद प्यार के गाऊँ, कैसे मैं श्रृंगार लिखूं,कैसे तुमको आज  हंसाऊंl कलम  हुई आक्रोशित,शोणित आखर  ही लिख पाऊँ, वीर शहीदों की शहादत को,शत-शत शीश झुकाऊँll सिंदूर उजड़ गया माथे का,कंगना चूर-चूर टूटे, शहीद की विधवा के,पायल बिंदिया काजल छूटेl हृदय भी काँप गया,आँखों से खून […]

फिजाएँ भी रोक रहीं हवाओं के जरिए। मत जा तू, सूना रह जाएगा ये शहर। आसमान भी रोया लिपट कर धरती की बाँहों में। रोक ले उसे बस, सूना रह जाएगा ये शहर। मन में हजारों संवेग, पल रहे थे मिलन के। हवा,पानी सब पीछे छोड़ आए खुदा से मिलने। […]

कुछ ख़्वाब अधूरे, पल रहे हैं पलकों में.. एक हल्की-सी छुअन तुम्हारी, हाँ… जो तुम… आंखों से छू जाते हो भर देते हैं रंग कितने.. ज़िन्दगी के कैनवास पर। जब भी बे-रंग-सी लगती है, ‘ये ज़िन्दगी’ उन रंगों से,जो तुमने मुझे दिए हैं मैं फिर एक नया ख़्वाब सजा लेती […]

नजर से नजर अब पहचान लीजिए, अरमान हदय् का अब जान लीजिए। सांस में आएगी बहार की महक, झरे सब फूल मुस्कान लीजिए। हकीकत सब सुना दी है जुबां से, छिपाया कुछ नहीं दिल छान लीजिए। यह तुम्हारे ख्यालों का सौदा है, आप चाहे रात को दिन मान लीजिए।  #रचना […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।