अब पहचान लीजिए..

0 0
Read Time1 Minute, 15 Second

cropped-cropped-finaltry002-1.png

नजर से नजर अब पहचान लीजिए,
अरमान हदय् का अब जान लीजिए।

सांस में आएगी बहार की महक,
झरे सब फूल मुस्कान लीजिए।

हकीकत सब सुना दी है जुबां से,
छिपाया कुछ नहीं दिल छान लीजिए।

यह तुम्हारे ख्यालों का सौदा है,
आप चाहे रात को दिन मान लीजिए।

 #रचना नन्दिनी सक्सेना

परिचय: श्रीमती रचना नन्दिनी सक्सेना का जन्म १९७१ का है। आपने एमए.(हिन्दी साहित्य)औऱ डीएड की शिक्षा ली है तथा  शिक्षिका हैं। परिचायिका, भरथरी को बेराग,आऊ माता की वारता,अम्मा की ची-ची आपकी प्रमुख प्रकाशित रचनाएँ हैं जबकि,देश के  विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में रचनाओ का प्रकाशन होता है। इण्डो इथोपियन सोसायटी-दिल्ली,देवनागरी लिपि एवं  पत्रकार मोर्चा आदि कई सामाजिक संस्थाओं द्वारा आप सम्मनित की गई हैं। आप मध्यप्रदेश के माधवगंज (आगर-मालवा) में रहती हैं।

matruadmin

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

तुम्हारी मोहब्बत के रंग

Mon May 15 , 2017
कुछ ख़्वाब अधूरे, पल रहे हैं पलकों में.. एक हल्की-सी छुअन तुम्हारी, हाँ… जो तुम… आंखों से छू जाते हो भर देते हैं रंग कितने.. ज़िन्दगी के कैनवास पर। जब भी बे-रंग-सी लगती है, ‘ये ज़िन्दगी’ उन रंगों से,जो तुमने मुझे दिए हैं मैं फिर एक नया ख़्वाब सजा लेती […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।