निशानी बाप-दादा की जो गिरवी रखने जाएगा, वो अपना आतिश-ए-लाचारगी में दिल जलाएगाl पढ़े-लिखों का है ये शहर वापस लौट जा प्यारे, यहाँ एहसास की बोली कोई न जान पाएगाl वो आँखें बंद करके भी मेरे जजबात पढ़ लेगा, मेरा कमअक्ल दिल कैसे हजारों गम छुपाएगाl यहाँ अरमान भी लोगों […]

किसे ये फासला मंज़ूर  होगा, यही सच है कोई मज़बूर होगाl  तुझे दिन-रात वो बस चाहता है, कि वो आशिक़ कभी मज़दूर  होगाl  इसे न छू,बहुत तकलीफ होगी, ज़रा से ज़ख्म में नासूर होगाl  अभी न तू समझ सकती मुझे भी, कभी गुस्सा तेरा काफूर  होगाl  रहो खामोश,तेरी न सुनेगा, […]

इत्तेफ़ाकी भरा आलम न रहे, मैं मैं ना रहूँ और तू  तू न रहे। इन्तज़ार मुझे फिर यूं न रहे, मैं मैं ना रहूँ फिर तू तू न रहे। मैं ख़ुद से तुझे…रिहा कर दूँगा, बहती हुई तुझे…हवा कर दूँगा। के हर कोई तुुझे…चाहेगा पाना, ऐसी ही हसीन…सज़ा कर दूँगा॥ […]

काश ऐसी बरसात आए, जिसमें अहम डूब जाएं। नफरत की जमीं काई पर, भाईचारे के फूल खिल जाएं॥ काश ऐसी बरसात अब  आए, बगावत के पत्थर पिघल जाएं। घर-घर सुख-शांति, खुशियां हों ‘मैं’ अब  ‘हम’ में बदल जाएं॥                         […]

मन अकेला, चाहे दूर क्षितिज के पार से.. कोई अलबेला राह निहारे दिल से पुकारे। आजा रे, मेरे मनमीत बरसों हो गए तुझ को मानते.. मन की पीर जीने नहीं देती, आकर गले लगा ले॥      #श्रीमती राजेश्वरी जोशी परिचय : श्रीमती राजेश्वरी जोशी का निवास अजमेर (राजस्थान) में […]

  पेड़ों ने कलियां-फूल बिखेर दिए, बरसात का स्वागत करने के लिए। कलियां खिली खोह खोल पंखुरी, मेघों में चम-चम चमकी बिजुरी, मन हर्षित तन कंपित सभी हुए। पेड़ों ने कलियां-फूल बिखेर दिए, बरसात का स्वागत करने के लिए। नयन मूंदे पेड़ों की सभी कोंपलें, बयार के संग-संग हिलें-डुलें पंछी […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।