” बाबा ! ऐसा मत करिए. वे जी नहीं पाएंगे,” बेटी ने अपने पिता को समझाने की कोशिश की. ” मगर, हम यह कैसे बरदाश्त कर सकते हैं कि हमारी बेटी अलग रीतिरिवाज और संस्कार में जीए. हम यह सहन नहीं कर पाएंगे. इसलिए तुम्हें हमारी बात मानना पड़ेगी.” ” […]

शास्त्रों में नारी तुम नारायणी बताया गया है, नारी के बिना ये श्रुस्टी चक्र चल नहीं सकता है, फिर भी नारी को कुरीतियों से जकड़ रखा है, लेकिन डॉ बाबा साहब अम्बेडकर ने महिला ओ को कानूनी अधिकार दिलाया है, नारी को पढ़ाई के लिए और स्वरक्षण के कानून बनाए […]

जिंदगी में कई रिश्ते बनते हैं, हर रिश्ते का अलग है अहसास, कुछ खुशी के रिश्तें होते है तो, कुछ गम के होते है, कुछ रिश्ते मतलब के लिये बनते हैं, पर कुछ रिश्ते सबकुछ बन जाते हैं, सब रिश्तो का ही खेल है, हम हैं तो रिश्ते हैं, वरना […]

खुशी-खुशी दो तुम परीक्षा एक  उत्सव  हैं हर  परीक्षा । हंसते-हंसते करों पर्चा हल मत  करों  तुम  कोई चिंता ।। मित्रों पाई जो हमनें शिक्षा बस  चलें  हम  उसी दिशा । गुरुजनों ने  सिखाया पाठ प्रश्नों का उत्तर मोती सरीखा ।। प्रतिभा का आईना है परीक्षा सिखाती  जीने  का सलीखा […]

पटना | स्किल माइंड्स फाउंडेशन के तत्वावधान में बीते सोमवार को सत्यम इंटरनेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, पटना के सभागार में आयोजित एक भव्य समारोह में शिक्षाविद् व समाजसेवी डा. स्वयंभू शलभ को ‘यंग इंडिया चेंज मेकर अवार्ड 2019’ से सम्मानित किया गया। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि फिल्म अभिनेता सत्यकाम आनंद […]

खुशियों का खुमार छाता रहा है तिरंगा जब जब लहराता रहा है रखी है हमने वतन से मोहब्बत रंग दे बसंती मन गाता रहा है दिलों में जिंदा वतन पर मरने वाले अपना फर्ज बखूबी निभाता रहा है बख्शता नहीं हिंदुस्तानी सिपाही खौफ दुश्मनों को सताता रहा है जाति,धर्म का […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।