क्यूँ मेरी ज़िंदगी भी पर्दे सा किरदार निभा रही है.. ज़रूरत के हिसाब से कभी गिराई जा रही हूँ .. तो कभी उठा दी जाती हूँ … जिसको जैसी ज़रूरत वैसी ही मुझसे अदाकारी करवाई जा रही है . मेरे वजूद का क्या…. मेरी मनमर्ज़ीयों […]
सुहाना देश भारत है। शहीदों की विरासत है। जहाँ गंगा बहे प्यारी। कथा यमुना कहे न्यारी। हिमालय शान है ऊँची। अजंता प्रेम की कूँची। स्वर्ण पंछी इसे कहते। गुरू माने सभी रहते। कहें हम भारती माता। विधाता मान मैं गाता। करें हम गाय की पूजा। बखाने धर्म भी दूजा। सभी […]
बांसुरी वादन से खिल जाते थे कमल वृक्षों से आँसू बहने लगते स्वर में स्वर मिलाकर नाचने लगते थे मोर गायें खड़े कर लेती थी कान पक्षी हो जाते थे मुग्ध ऐसी होती थी बांसुरी तान नदियाँ कलकल स्वरों को बांसुरी के स्वरों में मिलाने को थी उत्सुक साथ में […]
शहर-दर-शहर ग़ज़ल को लेकर डॉ अर्पण जैन ‘अविचल’ की ‘अहद’ प्रकाश से बातचीत अर्पण: शहर-दर-शहर ग़ज़ल की प्रेरणा आपको कैसे मिली? अहद प्रकाश: डॉ. बशीर बद्र हमारे प्रेरणा स्रोत रहे। आज वह हर आम-ओ-ख़ास हिन्दुस्तानी जबान के चाहने वालों की चाहत हैं। शहर-दर-शहर ग़ज़ल प्रोग्राम की शुरुआत भी हमने […]
भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्रीय राष्ट्र है। देश के ९० करोड़ मतदाता ११ अप्रैल से १९ मई के बीच लोकसभा की ५४३ सीटों के लिए मतदान करेंगे। जेल ५४३ सदस्य विजयी होंगे, उनसे और उनके दलों से ९० करोड़ मतदाताओं की स्पष्ट, नैतिक और लोकतंत्र को पुष्ट करने की […]
तेरी उस अदा का हूँ मैं आज भी दीवाना, भूल नहीं सकता तेरा वो खूबसूरत मुस्कुराना, हाँ सच में बस तुझे ही निहारना था मेरा काम, सांसें भी मैंने अपनी कर दी थी तेरे ही नाम, मैने अपनी जिन्दगी का सबसे खूबसूरत गुनाह किया था, तभी तो सौंप दी थी […]
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए।
आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं।
कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।