यूँ तो सब अपने यहां थे कोई बेगाना नहीं दौर-ए-गर्दिश में किसी ने मुझको पहचाना नहीं ============================ थी खबर हमको बहुत दुश्वारियां हैं राहों में लाख समझाया मगर दिल ने कहा माना नहीं ============================ सुन रहे हो जिसको इतनी गौर से तुम बैठकर वो हकीकत-ए-ज़िंदगी है कोई अफसाना नहीं ============================ […]

*डॉ मीना भट्ट पूर्व जिला न्यायाधीशा वर्तमान अध्यक्षा लोकायुक्त जबलपुर के परिचय को साहित्यकारों के मध्य मिला आदर्श परिचय का खिताब*   *रचनाकारों की आत्मकथा जीवन जीने की कला सिखाती है:-पुरोहित* भवानीमंडी | साहित्य संगम संस्थान दिल्ली( राष्ट्रीय पंजीकृत संस्थान )में आत्मकथा साहित्य के संवर्धनार्थ परिचय सम्मेलन का आयोजन किया । […]

आओ मिलके खुशियां मनाएं , अपनों को हम रंग लगाएं / होली का रंग,अपनों का संग, एक दुसरो पर, डाले हम रंग // राधा का रंग, और कान्हा की पिचकारी , प्यार के रंग से , रंग दो दुनियाँ ये सारी / ये रंग न जाने कोई, जात न कोई […]

होली का त्योहार भारत में हिंदू ओ का प्रमुख त्योहार है, फागुन मास में पूर्णिमा के दिन होली जलाई जाती है और अगले दिन लोग गले शिकवे भूल कर गले मिलते हैं, एक दूसरे को गुलाल अबीर लगाते हैं, ओरते गुजिया और मिठाई बनाती है, फागुन मास में फूल खिलते […]

हाथ-पैर में लगे जो काँटा, वो तो सबको दिखता है | पर जो”अंतस”में चुभा है, वो न किसी को दिखता है | रह -रहकर जो टीस है देता, दिल कितना फिर रोता है | “अंतस ” में उस चुभे काँटे का, दर्द नहीं कोई देखता है | हाथ -पैर के […]

अफरा-तफरी का दौर शुरू हो गया, आवाजाही पर संदेह शुरू है, बैण्ड बाज़ा बारात भी तैयार है, हर तरफ चुनावी शौर है, वादों की बौछार है, कोई पिछले 70 सालों के हिसाब दे रहा है तो कोई पाँच सालों की खतौनी कर रहा हैं, कोई राज्य का विकास गिना रहा […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।