ले, टोपी, पहन, वादा कर, खींसे निपोर, गली-गली घूम, फिर से वोट मांग. दे, वोट, जरुर, पर सोच, योग्य है कौन ? बटन दबाना सोच-समझकर. खें, नैया, देश की, देशभक्त, ईमानदार, उम्मीदवार हो, ऐसे को तू ‘वोट’ दें. आ, चल, निकल, हो निर्भीक, मत-दान दे, ‌सरकार बना, लोकतंत्र को बचा. […]

नई दिल्ली। उपनिषदों की विख्यात विदुषी प्रो. वेदवती वैदिक का आज निधन हो गया है। दिल्ली के लीवर—इंस्टीट्यूट में उनका उपचार चल रहा था। आप प्रसिद्ध पत्रकार एवं मातृभाषा उन्नयन संस्थान के संरक्षक डॉ. वेदप्रताप वैदिक की धर्मपत्नी हैं। उनकी आयु 70 वर्ष थी। उनका पार्थिव शरीर 11 बजे, धर्मभवन […]

7 अप्रैल( जन्म दिवस)   देश के प्रसिद्ध सितारवादक एवम संगीतज्ञ पण्डित रविशंकर चौधरी का जन्म 7 अप्रैल 1920  को बनारस,ब्रिटिश भारत मे हुआ था।  पश्चिमी बंगाल के एक बंगाली ब्राह्मण परिवार में इनका जन्म हुआ था। ये एक प्रख्यात वकील के बेटे थे।  ये दस साल की उम्र में […]

सदा एक रस रहना सीखो गैरो को भी गले लगाना सीखो अपने तो अपने कहलाते है बेगानो को अपना बनाना सीखो अपना वही जो अपने काम आये संकट में साथ खड़ा नजर आये जाति धर्म का यह भेदभाव कैसा इंसानियत बड़ी है नही बड़ा पैसा सबका साथी परमात्मा प्यारा वही […]

न जाने कितने गये,आएँगे फिर से नए, इंसान बस  मनाता, कब  से  सु वर्ष है। रीत प्रीत और गीत,शासन व सत्ता नीति, मानवीय  हित  साध,  अब  से  सहर्ष  है। आन बान मय शान, देश भक्ति अरमान, मानवता  का सम्मान, जन से  उत्कर्ष है। विकास के भरम में,विज्ञान के चरम में, […]

प्यार का रंग अब चढ़ाने लगा है । दिल अब मेरा भी मचलने लगा है। न जाने अब कब, मुलाकात होगी। और हमारे प्यार की शुरुबात होगी  ।। दिल मेरा अब मचलने लगा है। प्यार के लिए  ,तड़फ ने लगा है / दिल पर ज़ख़्म, इतने गहरे है / की […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।