मैं धरती का दीप बनूंगा, दूर करूँगा अँधियारा। साक्षरता रूपी लहर चलाकर, शिक्षित करूँगा जग सारा। मैं धरती का पुष्प बनूंगा, पावन सुगंध फैलाऊगा। काँटे सारे स्वयं लेकर मैं, कोमल छाँव बिछाऊँगा। मैं धरती का खग बनूँगा, सदभावना फैलाऊँगा। समृद्धि गरिमा प्रतीक बनकर, झंडा ऊँचा उठाऊँगा। मैं धरती का कृषक […]

जब कभी भी उठने की कोशिश की तब तब गिराने बालों ने बहुत मन्नते की। कि काश, यह कभी न उठे। पर उठने की, जो मन में ठाने थे। बे उठे बहुत उठे इतने ऊँचे उठे कि गिराने वालो की सारी कोशिसे नाकामयाब हो गयी।। वे बढे बहुत आंगे बढे […]

कभी-कभी किसी का इंतजार बेहद प्यारा लगता है, क्योंकि हर सुबह सूरज की सुकूँ भरी उजली किरण की तरह उसका लौट आना तय होता है,हर रोज की तरह तय होता है उसकी यादों के साथ उसकी मीठी बातो,उसके प्रेम,उसके वादों, उसके प्यार भरे एहसासों का लौट आना,, हा तय होता […]

दोस्तों,आज के इस कलयुगी और मायाचारी संसार में हम और आप अपनी संस्कृति को बिलकुल से ही खो चुके हैं।पश्चिमी सभ्यता को अपने जीवन के साथ अपने घरों में भी सजाने और व्यवहार में अपनाने लगे हैं। इस चक्कर में भारतीय सभ्यता और संस्कृति को पुरानी व रूढ़िवादी बताते हुए […]

डरी -डरी सी दहशत से भरी जिन्दगी पग -पग पर  भय से भरी जिन्दगी मुड -मुड सी पलट से  भरी जिन्दगी सूनी राहों पर दबोची जा रही जिन्दगी हैवानियत  से सनी जा रही जिन्दगी हर चौराहों पर अब चीख रही जिन्दगी चीखों को रोकों  जरा हैरान है जिन्दगी दुष्कर्मियों पर कसों फंदा रो […]

.             ………. कटु वचनों से हो चुके, बहुत बार नुकसान। कौरव पाण्डव युद्ध से,खूब हुआ अवसान।। रसना नाहीं  बावरी, कहती  मन  के  भाव। मन को वश में राखिए,उत्तम रखो स्वभाव।। मिष्ठ वचन  मिष्ठान्न से, जैसे भगवन भोग। मधुर गीत संगीत से, भोर भजन  संयोग।। कटु वचनी आरोप से, हुआ न  […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।