कविता लिखने के लिए अपने मन के भाव को उजागर करना ही असली कविता है और जो अपने आसपास घटनाएं घट रही है उन घटनाओं को मध्य नजर रखते हुए हम अपनी कलम के माध्यम से कागज पर उकेरते हैं। कविता लिखने के लिए कविता के अंदर प्रेम, सौंदर्य से […]

ग्रामीण जीवन शैली की परिभाषा में, मृदुभाषी सज्जन इसके अन्य पहलुओं की अनदेखी कर सकते हैं। यह सच है कि लगभग पच्चीस या तीस साल पहले, ग्रामीण समाज सरल, वास्तविक और काफी शुद्ध था, लेकिन साथ ही, उस समय की कठिनाइयां और जटिलताएं अभूतपूर्व थीं। कुछ समस्याएं और भ्रम उस […]

आधुनिक समाज एकल परिवार में लीप्त हो एक गहरी खाई की तरफ जाती हुई प्रतीत हो रही है।आज की सामाजिक ताना बाना सिमटती जा रही है लोग सिमट कर अपने आप के लिए ही रह रहे हैं जबकि पहले का परिदृश्य कुछ और था।एक सामाजिक सौहार्द जो अब बिखरे लगा […]

शिक्षा मंत्री डाॅ. रमेश पोखरियाल निशंक ने आज घोषणा की है कि उनका मंत्रालय उच्च शिक्षा में भारतीय भाषा के माध्यम को लाने की कोशिश करेगा। बच्चों की शिक्षा भारतीय भाषाओं या मातृभाषाओं के माध्यम से हो, यह तो नई शिक्षा-नीति में कहा गया है और कोठारी आयोग की रपट […]

कुछ ऐसा करो जीवन मे दुनिया आपको याद करे आपके पदचिन्हों पर चलने की समाज से वह फरियाद करे जो आकर पहले से आपके कुछ अच्छा काम कर गए है वे दुनिया मे अपना नाम सदा के लिए अमर कर गए है चाल,चरित्र,चेहरा हमारा स्वच्छ दर्पण सा दिखता रहे परमात्म […]

नये वर्ष में, नया सूर्य है नई भोर में, नई किरण है नियति चक्र जो घूम रहा है साथ-साथ चले जन्म-मरण है प्रकृति बजाये मृदु वीणा तान मिले हर जन को उचित सम्मान विकास के खुलें नवीन द्वार कर्मशील करे सफलता का पान सबका श्रम हो जाये सिद्ध दृढ मजबूत […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।