नए साल का नया त्योहार लाऊंगा करीब से देखो – बहुत सितारों में मैं एक नई रोशनी लेकर आऊंगा मैं तुम्हें न्याय के दिन के करीब लाऊंगा मैं तुम्हारी इन बेदम सांसों के लिए एक उद्देश्य लाऊंगा कड़वी यादें जो रह जाती हैं मैं उन्हें भूलने का एक तरीका लाऊंगा […]

नये साल के जश्न में डूबी रात मुबारक हो वही मुल्क और वही हालात मुबारक हो । वही सुबह, वही शाम, वही नाम ,वही काम वही उम्मीदों की झूठी सौगात मुबारक हो । वही मिलना, बिछड़ना,रूठना और मनाना ज़िंदगी से फिर वही मुलाकात मुबारक हो । तकनीकी तरक़्क़ी और खोखली […]

खेल गणित का समझो भैया, वरना हो जाओगे फेल। गणित बिना है जीना मुश्किल, जैसे पटरी बिन रेल। दुःखों का ‘घटाना’ सीखो भैया, बना लो जीवन आसान, दुःखों की गठरी ढोते ढोते, वरना हो जाओगे हैरान। धन का ‘जोड़’ सीख कर भैया, धन दौलत के भंडार भरो। सुख समृद्धि घर […]

किसी का दर्द दिखता है किसीका दर्द नहीं दिखता। जुबा से ही हमें उनका दर्द समझ आ जाता है। मगर दिलको हम कैसे मनाये समझौते के लिए। जो भूलकर सब कुछ तुम्हारे साथ हो जाए।। कसम से हम बहुत दर्द को जीवन में झेल चुके है। अब कुछ खुशीयो के […]

पराई जब हम छोटे थे तब हमें समझाते थे की लड़की पराया धन है जब थोड़े बड़े होते गए अब समझ में आया अपनी लड़की बहन बेटी बुआ यह सब है लड़की वो भी है जो हमारे घर में आई है मम्मी दादी पत्नी चाची ताई पर यह तो हो […]

वक्त की जरूरत ने शिक्षा प्रणाली को ऑनलाइन बनाने के लिए मजबूर कर दिया, क्योंकि समय पर र्कोर्स पूरा करना भी जरूरी था। बोर्ड व परिषद द्वारा भले ही पाठ्यक्रम की कटौती कर परीक्षाएं लेने की बात कही जा रही हो, लेकिन पठन-पाठन के बिना परीक्षा योग्य होना भी छात्रों […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।