पराई
जब हम छोटे थे
तब हमें समझाते थे
की लड़की
पराया धन है
जब
थोड़े बड़े होते गए
अब समझ में आया
अपनी लड़की
बहन बेटी बुआ
यह सब है
लड़की वो भी है
जो हमारे घर में आई है
मम्मी दादी पत्नी चाची ताई
पर यह तो हो
पराई नहीं है
मां की ममता
दादी की कहानी
पत्नी की सेवा
चाची का प्यार
ताई की मोहब्बत
इन सब के साथ
यह जुड़ी हुई है
फिर हम अपनी लड़की
को पराई क्यों समझते हैं
क्या कारण है इसके पीछे
लड़की
किरण बेदी कल्पना चावला
झांसी की रानी प्रतिभा पाटिल इंदिरा गांधी आदि
यह भी लड़कियां रही है किसी की
आजकल
घर हो या रण का मैदान
लड़कियां कभी पीछे नहीं हटती
यह हमारे दिमाग का
वहम है
यह कब खत्म होगा
पता नहीं
क्या है इसके पीछे मानसिकता
जरा सोचो
खुल कर सोचो…….।
हालात
आज मेरी नाजुक हालात
शारीरिक ,राजनीतिक ,सामाजिक
लोग मुझ पर तंज कसते हैं
नाजुकात के
यह नाजुकता
समाज ने दी
ऐसे हालात घर से बने
आज लोग मेरी नाजुकता का
फायदा उठाते हैं
क्योंकि शरीर कमजोर हो गया है
अब बस मैं और मेरी कमजोरी
बसे हुए हैं और इन दोनों का मेल है
इस जैसे मांसपेशी और हड्डी
आप समझो
ऐसी हालात क्यों बनी
आज मुझ पर लोग हंसते हैं
खान मनजीत भावड़िया मजीद
सोनीपत