हे हंसवाहिनी माँ हे वरदायिनी माँ अज्ञान तम से हूँ घिरा अवगुणों से हूँ मैं भरा सुमार्ग भी ना दिख रहा जीवन जटिल हो रहा ज्योति ज्ञान की जलाकर गुणों की गागर पिलाकर सत्पथ की दिशा दिखाकर जीवन सफल बना दो माँ हे हंसवाहिनी माँ हे वरदायिनी माँ तू ही […]

जन्म व माता पिता का नाम : डॉ सी वी रमन  जी का पूरा नाम चंद्रशेखर वेंकट रमन था | इनका जन्म तमिलनाडु के तिरुचिरापल्ली शहर में 7 नवम्बर 1888 को हुआ था। उनके पिता का नाम चंद्रशेखर अय्यर व माता का नाम पार्वती अम्मा था। वो अपने माता-पिता के दूसरे नंबर की संतान थे। उनके पिता चंद्रशेखर […]

भर लो भर लो दुआओं से झोलियाँ, मिल जाएंगी खुशियों की टोलियाँ। भर लो भर लो………… रोते हुए को हँसाना कभी, घावों पे मरहम लगाना कभी। दिल ना किसी का दुखाना कभी, भर लो भर लो………….. पूछ लेना गरीबों हाल कभी, बन जाना किसी की ढाल कभी। ईश्वर पूछेगा तेरा […]

फतेहाबाद | जनपद आगरा, तहसील फतेहाबाद की साहित्यिक संस्था – ब्रजलोक साहित्य कला संस्कृति अकादमी ने देश भर के 36 साहित्यकारों, कलाकारों, पत्रकारों, शिक्षाविदों व समाजसेवियों का सम्मान किया | प्रथम, द्वितीय व तृतीय स्थान प्राप्त कर्ताओं को ₹200 कीमत का सत साहित्य, प्रशस्ति पत्र व संस्था सदस्यता परिचय पत्र […]

प्रभु चुनते साधारण काया संगम युग की अदभूत माया साधारण तन पवित्र चाहिए ईश्वर मे पूर्ण विश्वास चाहिए समर्पित जो ईश्वर पर होते ईश्वर के वे सदा प्यारे होते परमात्मा जब परिवर्तन करता साधारण तन मे प्रत्यक्षता करता अगला युग सतयुग ही आना शिव को अब धरा पर लाना बदल […]

मेहनत करे किसान पर मलाई हमें चाहिए। खेत बिके या बिके गहने उसे हमको क्या लेनेदेने। हमको तो उसकी फसल बिन मोल चाहिए। और हमे कमाने का मौका हमेशा चाहिए। फर्ज उसका खेती करना तो वो खेती करे। हमको करना है धन्धा तो हम लूटेंगे उसे। होता आ रहा है […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।