समय व्यर्थ गंवाते हम खुद को व्यस्त बताते हम सद्कर्मो के लिए समय नही कैसे खुद को बहकाते हम परनिंदा मे समय न गंवाये झूठ बोलने से खुद को बचाये सच का सदा साथ दे हम नही रहेगा फिर कोई गम अपना समय सुकारत कर लो जीवन मे खुशियां भर […]

उधार लेकर घी पीने की कहावत सुनी जरूर थी परन्तु उसे सरकारों के माध्यम से चरितार्थ होने की निरंतर स्थिति में तीव्रगामी होते पहली बार देखा। सरकारों के बजट पर ईमानदार करदाताओं की खून पिपाषु नीतियां हमेशा से लागू होती रहीं है परन्तु इन दिनों विकास के नाम पर कुछ […]

विश्व में संभवत: कोई ऐसा वैज्ञानिक, शिक्षाविद, दार्शनिक, चिंतक अथवा भाषाविद् नहीं होगा जिसने मनुष्य के विकास के लिए मातृभाषा के महत्व को स्वीकार न किया हो। भाषाविदों के अनुसार समाज विकसित या अविकसित हो सकते हैं लेकिन कोई भी भाषा अविकसित नहीं होती। संसार की हर भाषा में अपने […]

मेरे मन में बस जाओ कन्हैया मेरे, सुबह उठते ही तुम्हें मै निहारा करूं। चराते हो जो गईया मधुबन में प्रभु उन गाईयो का मैं नित्य दुग्ध पान करू। बजाते हो बंसी जो यमुना तट पर उस बंसी की तान में रोज श्रवण करू। खाते हो जो माखन मिश्री प्रभु […]

देश के देखो ऐसे अब हालात है अच्छे दिन सिर्फ कहने की बात है अफसर बिक गए,बिक रहे नेता भी हो रही सब तरफ मुक्का लात है मौसम पर भी अब भरोषा नहीं हो रही देखो बेमौसम ये बरसात है सो गया देख लो और ज़मीर मर गया आदमी की […]

जो भी कर्म हम कर रहे उसे समझ लें हम यार परमात्म आँख देख रही खड़ी हमे उस पार आत्मा को जो अच्छा लगे ऐसा सदकर्म करे हर बार तभी हमें मिल सकेगा परम् पिता का प्यार कोई जगह ऐसी नही है जिस पर न पड़ सके परमात्मा की नजर […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।