पहला मेच पाक से, कोहलि बने विराट । धोनी मोहित छा गये, शिखर धवन सम्राट । । अफ्रिका भी हार गया, भारत मारे तीर । शिखर सैंकड़ा मारके, बने टीम के पीर।। संयुक्त अमीरांत मे, रोहित बने महान । नौ विकेट से जीतके,शमी देश की शान।। चौथा वेस्टइण्डीज से, जीते […]

जब रंगा जाऊँ तो हरा हो जाऊँ, जब कहा जाऊँ तो मधुर बन जाऊँ। जब ढूंढा जाऊँ तो व्यक्त हो जाऊँ, जब काटा जाऊँ तो मुलायम हो जाऊँ। जब देखा जाऊँ तो नजर आ जाऊँ, जब सुना जाऊँ तो गहन हो जाऊँ। जब चला जाऊँ तो स्मृति बन जाऊँ, जब […]

भाई बहिन का ये रिश्ता, कैसा अजीब है ये रिश्ता। लड़ते झगड़ते है ये आपस मे, फिर भी टूटता ना ये रिश्ता।। लड़ झगड़ कर एक हो जाते, एक दूजे के बिन रह न पाते। जब हो जाते एक दूजे से नाराज, बिन मनाएं ये रह नहीं पाते।। भाई बहिन […]

सदा गुलाब से खिलते रहो कांटो के संग भले ही रहो सद्कर्मो की महक फैले ऐसा सदाचरण करते रहो कलियुग की इस कोठरी में बेदाग हमेशा बने रहो सतयुग आहट हो चुकी है कलियुग उम्र बीत चुकी है तमस बाद उजाला निकलेगा आशाओ का दीपक जलेगा युग परिवर्तन के नायक […]

ये गगन ये धरा, ये मौसम हसीं। चलो तुम सदा , रुको ना कभी। सागर की लहरें, नदिया की धारा। कुछ बताएं हमें, समझो इशारा। ना रुकना कभी , चलते रहना सभी। मिले उर्वर धरा, या बंजर जमीं। मिले पुष्प ,कंटक, या पतझड़ कभी। मिले रोशन जहां, या अँधेरी गली। […]

मातृभाषा के प्रयोग से ही सर्वांगीण विकास संभव : डॉ. एम.एल. गुप्ता ‘आदित्य’ नारनौल। मातृभाषा बच्चे के लिए टॉनिक के समान होती है, जो उसमें आत्म-शक्ति के साथ आत्म-विश्वास और आत्म-गौरव का भाव भी पैदा करती है। यह कहना है वीबीएस पूर्वांचल विश्वविद्यालय, जौनपुर (उत्तर प्रदेश) की कुलपति डॉ. निर्मला […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।