एक ख्वाहिश निकली है दिल से, कि छू लूं यह आसमान संग ज़मीं केl बन जाऊं मैं ज़िन्दगी,ज़िन्दगी की, हो न जाऊं इस दुनिया की प्रीत से दूर मैं.. बस मिटा दूँ हर दुःख को इस ज़मीं से मैंl एक ख्वाहिश निकली है दिल से, समेट लूँ हर ख़ुशी अपने आँचल मेंl दिखला दूँ इस दुनिया […]
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मेरी जीवंत स्मृतियों में आज भी शामिल है एक सहज सरल उमंगता बचपन। संयुक्त परिवार के रिश्तों की झिलमिल कड़ियां………शरारतें……….पढ़ाई……….. गुरूजनों का सम्मान……..संवेदना से भरा संसार………..इन्हीं सबमें मेरे विश्वास श्रद्धा को विनत भाव का एक पुष्ट संस्कार मिला। खुशनुमा बचपन में लौटती हूँ तो,वहाँ ढेरों खुशियों के साथ साथ बीत […]