मैंने खुशी को पास बुलाना चाहा, पर वह न आई कसम खाकर। मैंने खुशी को कलियों में खोजा, पर उपवन ले गया चुराकर। मैंने खुशी को नदियों में खोजा, पर लहरें ले गई बहाकर। मैंने खुशी को बरखा में खोजा, पर रिमझिम बूँदे ले गई इतराकर। मैंने खुशी को खेतों […]

  जब काटता नहीं था,नाई भी उसके बाल, जात-पात के वो मासूम,हल करता था नितदिन ही कांटेदार,असंख्य सवालl हर सवाल पहले वाले से ज्यादा कठिन, अनसुलझा-सा और अपमानजनक घूम जाता था,अपनी ही धुरी पर पृथ्वी-सा उसका दिमाग.. काँप जाते थे इस भूकंप से, गरीब की कुटिया जैसे उसके पाँव.. झूलता […]

  (विनोद खन्ना को समर्पित) अस्सी के दशक में होश संभालने वाली पीढ़ी के लिए उन्हें स्वीकार करना सचमुच मुश्किल था,जिसका नाम था विनोद खन्ना..क्योंकि तब जवान हो रही पीढ़ी के मन में अमिताभ बच्चन `सुपरमैन` की तरह रच-बस चुके थे। अमिताभ यानी,जिसके लिए असंभव कुछ भी नहीं। जो दस-दस […]

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तपती हूँ मैं जलती हूँ मैं, होकर निष्प्राण जैसे मरती हूँ मैं.. रौंदकर मेरे सम्पूर्ण विस्तार को, बना डाला है मुझको अभागिन धरा। कर दिया खोखला तूने मेरी देह को, क्यूँ बनाया है बंजर मेरी कोख को.. करके दोहन मेरा छीन गहना लिया, पेड़-पौधों को भी तूने तनहा किया। पत्ते-पत्ते […]

भव्यता,विहंगमता,अदभुत और राजनीतिक षडयंत्र का शानदार तालमेल फिल्म ‘बाहुबली’ है। महिष्मति राज्य का शासन रानी शिव गामिनी (रमैया कृष्णन) सम्भालती है। उसका बेटा भल्लाल देव(राणा डग्गुबाती)शुरू से ही कपटी ओर छली है। रानी अमरेंद्र बाहुबली(प्रभास)की चाची रानी माँ है,परन्तु वह इस बालक को वीर तथा पराक्रम को देखते हुए उसे […]

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भारत बहुआयामी विविधता का सामासिक संगम है। तकरीबन १७१ भाषाओं और ५४४ बोलियों के साथ १२५ करोड़ आबादी वाला हमारा देश कश्मीर से कन्याकुमारी एवं कच्छ से अरुणांचल तक फैला हुआ है। संविधान सभा ने संविधान बनाते समय भारत के दक्षिणी और उत्तर-पूर्वी परिक्षेत्र को भाषाई आधार पर गैर हिन्दी […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।