(मातृ दिवस विशेष) माँ है सबसे धन बड़ी, जाने चतुर सुजान। माँ के आशीर्वाद से, मानव बने महान। मानव बने महान, करे जो दिल से पूजा। धरती पर भगवान, नहीं कोई है दूजा। कह बिनोद कविराय, चरणों में तो जहाँ है। बदनसीब वे लोग, जिनके कष्ट में माँ है।   […]

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 (आज मातृ दिवस के अवसर पर विशेष ) आज सहारा वृद्धाश्रम में बहुत शांति थी। न कोई भजन गा रहा था,और न ही कोई कैसेट बज रहा था। सारे वृद्ध बहुत ही गमगीन और उदास होने के साथ घबराए हुए भी थे। आज वृद्धाश्रम की बहुत ही हँसमुख- मिलनसार सरला […]

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अब रूह इस बदबूदार जिस्म का कपड़ा उतारकर फेंक देना चाहती है, रूह ढूँढ रही है, ऐसा कपड़ा.. जिसके आगोश में, शीतलता का अहसास हो, कोई पराया न हो हर किसी की उसको जरूरत हो.. और हर किसी को उसकी जरूरत होl रूह ढूँढने चली एक नए जिस्म का  कपड़ा….l […]

 शहर में पांच दिन से चला आ रहा समारोह आज दो हत्‍याओं,सौ से ज्‍यादा घायल और पीएसी की ३५  बटालियन की उपस्थिति में शांतिपूर्वक समाप्‍त हो गया। अभी-अभी जारी स्वच्छ भारत सूची के तहत मेरे शहर को कोई स्थान नहीं मिला। रेडियो,टी.वी. और अन्य चैनलों ने मेरे शहर का उल्लेख […]

बचपन के सब खेल-खिलौने, गुड्डे-गुड़िया,और कुछ सपने। बहना-संग वो हँसी-ठिठोली, कभी झगड़ा,और कभी हमजोली। चिड़िया-सा,दिन-रात चहकना, तितली बन,फिर-फिर उड़ जाना। याद आए वो प्यारी बहनाll जी चाहे,लौटूँ  उस पल में, गुड़िया जब आई थी घर में। बोला था उसने जब `भैया`, नाचा था मैं, `ता-ता-थैया`। यादों के सपनीले पलों में, […]

दस्तक  मेरे दरवाजे पर, चहकने की तुम देती गौरैया चाय,बिस्किट लेता मैं तुम्हारे लिए रखता दाना-पानी यही है मेरी पूजा, मन को मिलता सुकूनl लोग सुकून के लिए क्या कुछ नहीं करते, ढूंढते स्थान गोरैया का घोंसला मकान के अंदर क्योंकि, वो संग रहती इंसानों के साथ हम खाएं और […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।