पूछिए मत क्यों हमारी शोखियाँ कम पड़ गईं। जिंदगी गुजरी है ऐसे आंधियाँ कम पड़ गईंll  भूख के मंजर से लाशों ने किया है यह सवाल। क्या ख़ता हमसे हुई थी,रोटियां कम पड़ गईंll  जुर्म की हर इंतिहा ने कर दिया इतना असर। अब हमारे मुल्क में भी बेटियां कम […]

ज़रा पाने की चाहत में,बहुत कुछ छूट जाता है, न जाने सब्र का धागा कहाँ पर छूट जाता हैl किसे हमराह कहते हो,यहां तो अपना साया भी, कहीं पर साथ रहता है,कहीं पर छूट जाता हैl ग़नीमत है नगर वालों,लुटेरों से लुटे हो तुम, हमें तो गांव में अक्सर,दरोगा लूट […]

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पास आता ही नहीं गोदी में खिलाया जिसको, नज़र से कैसे करूँ दूर है बनाया जिसकोl साथ चलने में भी आती है अब उसको शर्म, सहारे उंगली के चलना है सिखाया जिसकोl हाथ से पानी भी वो मुझको पिला नहीं सकता, दूध सीने का मैंने है पिलाया जिसकोl रात कट […]

करोगे अगर योग,योगी बनोगे, रोगों को हराकर निरोगी बनोगे। जीवन में जरा योग अपना के देखो, जो जीते स्वयं को,वो जोगी बनोगे। सरल राह जीवन की होती रहेगी, कभी भी नहीं आप भोगी बनोगे। दुखों से बहुत दूर होता है योगी, जो ढोए सुखों को,वो बोगी बनोगे। इसी योग से […]

तन,मन और जीवन को आओ थोडा़ सरस बनाएँ, करें योग-व्यायाम ध्यान और जीवन को हम सरल बनाएं। जग में फैल रही कटुता पर योग-ध्यान का लेप लगाएं, वाणी में भरकर मिठास नव-जागृति का दीप जलाएं। कुंभ,दंभ का फोड़ धरा पर, होठों पर मुस्कानें लाएं, परहित को साकार करें और नवाचार […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।