ज्योतिबिंदू स्वरूप है परमात्मा का सार आत्मा भी नजर आये ज्योतिबिंदू वार बहुत सरल है इस विधि से परमात्मा को पाना राजयोग सीख़ लो न रहे देह का भान आत्मस्वरूप में मिलता है परमात्मा का ज्ञान व्यर्थ समय न गंवाओ छोड़ो सारे विकार प्रभु मिलन मनाओ अपना जीवन सफल बनाओ। […]

दिल के भाव जब पन्नों पर, मोती से बिखरने लगते हैं। रचती है प्यारी कविता तब, अरमान मचलने लगते हैं। हो जाए लाचार जुबाँ जब, तब कविता तलवार बनती है। दुनियाँ वालों के हर प्रश्न का, करारा जवाब ये बनती है। हर प्रेमी के प्रेम की सदा, आवाज ये बनती […]

संस्था व्यंग्यम् के तत्वावधान में होली के अवसर पर वार्षिक कार्यक्रम ऑनलाइन काव्य सम्मेलन “फाग फुहार” का आयोजन किया गया । कार्यक्रम की शुरुआत कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे रंजीत सारथी ने सरस्वती वंदना से की । कवि सम्मेलन में रचनाकारों ने सस्वर काव्य पाठ कर होली के अवसर पर […]

एहसासों के स्पंदन से भावनाओं के आवेग से शब्दों के चमत्कार से ध्वनि की लयात्मकता से प्रस्फुटन होता है काव्य का गढ़ जाता है संक्षिप्त में विस्तार के जज्बों को घटनाओं के उल्लेख को समाज की सर्वग्राहिता को अपने मौन संवादों को व्यक्त कर जन्म होता है एक कविता का […]

वर्तमान में जीवन के अनेक आयाम सामने आने लगे हैं। दैहिक बीमारियों का दावानल एक बार फिर अपना प्रकोप दिखाने लगा है। अनेक देशों सहित हमारे राष्ट्र में भी निरंतर विस्तार ले रहा है। सभी सरकारें अपने स्तर पर फिर से तैयारियों में जुट गई हैं। सावधानियां बरतने की अनुशासनात्मक […]

मै क्या करूँ , समझ नहीं पा रहा हूं , आखिर क्यों मै इतना सोचता हू , मै इतना जीवन के सपने देखता था , मै क्यों इतना पागल होता हूं , दिल मे हमेशा दर्दो का महफिल लगा होता है , आंखों में हमेशा आंसू भरा रहता है , […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।