नए सत्र का स्वागत करने, हो जाओ तैयार साथियों सरकारी हो ‘असरकारी’, ठान लो फिर एक बार साथियों। कोई हमसे नहीं कहेगा , सुननी होगी अंतर्मन की अनुपम अवसर मिला हमें, सेवा करने बचपन की, भावी प्रतिभा छुपी अनेक,लेना तुम सँवार साथियों। नए सत्र का स्वागत करने, हो जाओ तैयार […]