एक चाँद घूँघट से निकला, निकला एक आसमान से। ईद मनाली यारा हमने, परसों वाली शाम से॥ संग एक सितारे थे, वो भी क्या नज़ारे थे। घूँघट में हुआ दीदार यारा, परसों वाली शाम से॥ चाँद बादलों में छिप गया, हवा से घूँघट सरक गया। उनकी हमसे हो गई आँखें […]

पहले जल-सी शीतल थी, अब आग के जैसे दहकती है.. सुनो इनकी आवाजों को, ये हवाएँ भी कुछ कहती हैं। पहले इनसे राहत थी, अब यही तकलीफ देती है… इसमें इनका कोई दोष नहीं, हम इंसानों की ही गलती है… सुनो इनके दर्द को, ये हवाएँ कुछ कहती हैं। ये […]

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आज  वतन है  खतरे में, वीरों निकलो सीना तान। देखो पाक-नापाक हरकत, छद्म युद्ध दिया है  ठान॥ चाहे पठानकोट की हो घटना, चाहे मुम्बई  की आतंकी दौर। नित शहीद हो रहे सीमा पर, नेतागण करते भाषण दौर॥ विवश ‘अजा’-सी मरते देख, कर पाते न शाश्वत प्रतिकार। जिससे फिर देखने का […]

पाक को जरा,सब सिखाइए। गीत प्यार के,सरस गाइए॥ शक्तिमान हो,शरण दीजिए। देश द्रोहि के,करम  कीजिए॥ प्राण खींच लो,तब सही रहे। बाप हो तभी,जब वही कहे॥ धीर  देश  है,भरत  वीर का। भीष्म पार्थ के,विकल तीर का॥ आँख जो उठे,तुरत नष्ट हो। मौत से मिलो,अगर भ्रष्ट हो॥ सोच लो अभी,समय दे दिया। […]

बिहार के राज्यपाल रामनाथ कोविंद अब भारत के राष्ट्रपति होंगे। वे भाजपा के उम्मीदवार घोषित हो गए हैं तो उनकी विजय निश्चित ही होगी। कोविंद का नाम जैसे ही टीवी चैनलों ने उछाला,बहुत से पत्रकार-बंधुओं के फोन आने लगे और वे पूछने लगे कि यह कोविंद कौन हैं ? संयोग […]

बीत गया और एक साल, छोड़ गया कुछ और सवाल। अब कहाँ से शुरु करूँ, किसको अपनी व्यथा कहूँ। ये जो जीवन है मेरा, हमेशा ऋणी है तेरा। इसमें मैंने गलत किया, भूलों का झुण्ड खड़ा किया। ऐसी भूल भी की, जो प्रिय था कानों को, जो प्रिय था विचारों को, […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।