जहाँ ऋषिगण भी मन्त्रों से, सुखी हों गान करते हैं। जहाँ की एकता वन्धुत्व- पर अभिमान करते हैं। प्रकृति ने इस कदर ‘अरविन्द’, इसको है सजाया कि .. बना भारत का नक्शा है, यही अनुमान […]
Uncategorized
विशाल भावना लिए,करे समृद्ध मंच को, विशुद्ध छंद काव्य से,प्रमाण दे प्रपंच को। विराट रम्य वैभवी,नमो नमो विशारदे, विराज मात शारदे,मनोज्ञ भान तारदे॥ नमो नमामि भारती,सरस्वती प्रभा झरी, सुरीति नीति प्रीति लै,सुहंसवाहिनी ठरी हे ! चंद्रकांत शारदा,सुमंगली ब्रह्मेश्वरी, सुबुद्धि,ज्ञान दान दे,अनंत दिव्यता धरी॥ […]