कलुष-कलि-कलश पर, गीता यष्टी प्रहारक है। कर्म ज्ञान और भक्ति, यह सबका विचारक है॥ सुरभि श्री कृष्णारविन्द की, अर्जुन -अलि का प्यारा । जगत की पापनाशिनी, परम सुरसरि की है धारा॥ […]
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भारती भारती,माँ भारती भारती। माँ भारती की कीजिए मिल के आरती। भारती……………ll गूँजती दशोदिशम्,कीर्तियाँ जनोजनम्। पूँजती मनोजनम्,मूर्तियां तपोभवन्। भारती भारती…….ll भारती जयोजयम्,विश्वभर नमोनमन्। सभ्यता उत्थोनयम्,संस्कृति नमोनमन्। भारती……………..ll मुकुट है हिमालयम्,देवता शिवालयम्। पगो दे पखारयम्,दक्षिणेन जलालयम्। भारती……………..ll ललाट लेप चंदनम्,सुगंध पुष्पअर्पणम्। जनमोजनम वंदनम्,भारतीय नंदनम्। भारती……………..ll हरितवर्ण सुंदरम्,सौंदर्य मनोहरम्। नदय,झर,सरोवरम्,रक्षकाम् धरोहरम्। भारती………………ll […]